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कश्मीर में बढ़ रही चोरी की गाड़ी की मांग, वाहन चोरों को मिल रहे ऑर्डर : क्राइम ब्रांच

क्राइम ब्रांच ने ऑटो लिफ्टर्स के एक गैंग का पर्दाफाश किया है. ये गैंग चोरी की गाड़ियों को कश्मीर में बेचा करता था. गैंग के 3 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है.

कश्मीर में चोरी की गाड़ियां बेचने वाले गैंग का खुलासा
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Published : Jun 9, 2019, 11:40 AM IST

नई दिल्ली : कश्मीर में चोरी की गाड़ियों की मांग काफी बढ़ रही है. वहां से कुछ लोग चोरी की गाड़ी और मॉडल का ऑर्डर देते हैं. इस आर्डर के अनुसार ही गाड़ी चोरी की जाती है. ये खुलासा क्राइम ब्रांच ने ऑटो लिफ्टर्स के एक गैंग को पकड़ने के बाद किया. पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से 16 गाड़ियां बरामद की हैं, इनमें से 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद हुई हैं.

डीसीपी जी.रामगोपाल नाइक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई प्रमोद सिंह को सूचना मिली थी कि वाहन चोरी में शामिल कुछ बदमाश भैरव मंदिर के पास आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर जतन सिंह और एसआई रविंद्र सिंह की टीम ने भैरव मंदिर के पास जाल बिछाकर सुरेश कुमार उर्फ राज और तेजेंद्र सिंह उर्फ काका को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक गाड़ी, देसी कट्टा और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए.

कश्मीर में बेचा करते थे चोरी की गाड़ियां

श्रीनगर से बरामद हुई 13 गाड़ियां

इनकी निशानदेही पर शमशाद अली को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया. उसके पास से एक हुंडई वर्ना कार मिली. उससे मिली जानकारी पर श्रीनगर निवासी मकसूद हुसैन को खानपुर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से चोरी की एक बाइक मिली. पूछताछ में सुरेश और तेजेंद्र ने बताया कि वो शमशाद अली द्वारा दिए गए ऑर्डर पर दिल्ली एनसीआर से गाड़ी चोरी करते थे. शमशाद अली इस गाड़ी को मकसूद हुसैन के माध्यम से जम्मू कश्मीर में बेचता था. वो गाड़ी को बेचते समय खरीददार को नहीं बताते थे कि ये गाड़ी चोरी की है. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद की हैं.

अब तक बेची 100 से ज्यादा गाड़ियां

आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वो अब तक 100 से ज्यादा गाड़ियां श्रीनगर और जम्मू में बेच चुके हैं. गिरफ्तार किए गए सुरेश कुमार के खिलाफ 43 मामले पहले से दर्ज हैं. वहीं तेजेंद्र सिंह के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार किए गए मकसूद हुसैन ने एमबीए किया है. साल 2015 में वो दिल्ली आया और यहां एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा. 2017 में उसने आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार शुरू किया, जिसमें उसे घाटा हुआ. साल 2018 में वो डॉक्टर जहूर, अयूब खान और रफीक के संपर्क में आया जो कश्मीर में रहते थे. डॉक्टर जहूर ने उसे शमशाद अली से मिलवाया, जिनके साथ मिलकर वो गाड़ी चोरी के धंधे में शामिल हो गया.

नई दिल्ली : कश्मीर में चोरी की गाड़ियों की मांग काफी बढ़ रही है. वहां से कुछ लोग चोरी की गाड़ी और मॉडल का ऑर्डर देते हैं. इस आर्डर के अनुसार ही गाड़ी चोरी की जाती है. ये खुलासा क्राइम ब्रांच ने ऑटो लिफ्टर्स के एक गैंग को पकड़ने के बाद किया. पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से 16 गाड़ियां बरामद की हैं, इनमें से 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद हुई हैं.

डीसीपी जी.रामगोपाल नाइक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई प्रमोद सिंह को सूचना मिली थी कि वाहन चोरी में शामिल कुछ बदमाश भैरव मंदिर के पास आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर जतन सिंह और एसआई रविंद्र सिंह की टीम ने भैरव मंदिर के पास जाल बिछाकर सुरेश कुमार उर्फ राज और तेजेंद्र सिंह उर्फ काका को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक गाड़ी, देसी कट्टा और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए.

कश्मीर में बेचा करते थे चोरी की गाड़ियां

श्रीनगर से बरामद हुई 13 गाड़ियां

इनकी निशानदेही पर शमशाद अली को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया. उसके पास से एक हुंडई वर्ना कार मिली. उससे मिली जानकारी पर श्रीनगर निवासी मकसूद हुसैन को खानपुर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से चोरी की एक बाइक मिली. पूछताछ में सुरेश और तेजेंद्र ने बताया कि वो शमशाद अली द्वारा दिए गए ऑर्डर पर दिल्ली एनसीआर से गाड़ी चोरी करते थे. शमशाद अली इस गाड़ी को मकसूद हुसैन के माध्यम से जम्मू कश्मीर में बेचता था. वो गाड़ी को बेचते समय खरीददार को नहीं बताते थे कि ये गाड़ी चोरी की है. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद की हैं.

अब तक बेची 100 से ज्यादा गाड़ियां

आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वो अब तक 100 से ज्यादा गाड़ियां श्रीनगर और जम्मू में बेच चुके हैं. गिरफ्तार किए गए सुरेश कुमार के खिलाफ 43 मामले पहले से दर्ज हैं. वहीं तेजेंद्र सिंह के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार किए गए मकसूद हुसैन ने एमबीए किया है. साल 2015 में वो दिल्ली आया और यहां एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा. 2017 में उसने आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार शुरू किया, जिसमें उसे घाटा हुआ. साल 2018 में वो डॉक्टर जहूर, अयूब खान और रफीक के संपर्क में आया जो कश्मीर में रहते थे. डॉक्टर जहूर ने उसे शमशाद अली से मिलवाया, जिनके साथ मिलकर वो गाड़ी चोरी के धंधे में शामिल हो गया.

Intro:नई दिल्ली
कश्मीर एवं श्रीनगर में चोरी की गाड़ियों की मांग काफी बढ़ रही है. वहां से कुछ लोग चोरी की गाड़ी एवं मॉडल का आर्डर देते हैं. इस आर्डर के अनुसार ही गाड़ी चोरी की जाती है. यह खुलासा क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए एक गैंग द्वारा किया गया है. पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से 16 गाड़ियां बरामद की है. इनमें से 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद हुई हैं.


Body:डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई प्रमोद सिंह को सूचना मिली थी कि वाहन चोरी में शामिल कुछ बदमाश भैरव मंदिर के पास आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर जतन सिंह और एसआई रविंद्र सिंह की टीम ने भैरव मंदिर के पास जाल बिछाकर सुरेश कुमार उर्फ राज और तेजेंद्र सिंह उर्फ काका को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक देसी कट्टा और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए. उनके पास मौजूद कार चोरी की निकली.


श्रीनगर से बरामद हुई 13 गाड़ियां
इनकी निशानदेही पर शमशाद अली को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया. उसके पास से एक हुंडई वर्ना कार मिली. उससे मिली जानकारी पर श्रीनगर निवासी मकसूद हुसैन को खानपुर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से चोरी की एक बाइक मिली. पूछताछ में सुरेश और तेजेंद्र उसको बताया कि वह है शमशाद अली द्वारा दिए गए ऑर्डर पर दिल्ली एनसीआर से गाड़ी चोरी करते थे. शमशाद अली इस गाड़ी को मकसूद हुसैन के माध्यम से जम्मू कश्मीर एवं श्रीनगर में बेचता था. वह इस गाड़ी को बेचते समय खरीदार को नहीं बताते थे कि यह गाड़ी चोरी की है. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद की हैं. यह





Conclusion:100 से ज्यादा गाड़ियां अब तक बेच चुके
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वह अब तक 100 से ज्यादा गाड़ियां श्रीनगर और जम्मू में बेच चुके हैं. गिरफ्तार किए गए सुरेश कुमार के खिलाफ 43 मामले पहले से दर्ज हैं. वही तेजेंद्र सिंह के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार किया गया मकसूद हुसैन एमबीए पढ़ा हुआ है. वर्ष 2015 में वह दिल्ली आया और यहां एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा. वर्ष 2017 में उसने आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार शुरू किया जिसमें उसे घाटा हुआ. वर्ष 2018 में वह डॉक्टर जहूर, अयूब खान और रफीक के संपर्क में आया जो कश्मीर में रहते थे. डॉक्टर जहूर ने उसे शमशाद अली से मिलवाया जिनके साथ मिलकर वह गाड़ी चोरी के धंधे में शामिल हो गया.
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