नई दिल्ली : कश्मीर में चोरी की गाड़ियों की मांग काफी बढ़ रही है. वहां से कुछ लोग चोरी की गाड़ी और मॉडल का ऑर्डर देते हैं. इस आर्डर के अनुसार ही गाड़ी चोरी की जाती है. ये खुलासा क्राइम ब्रांच ने ऑटो लिफ्टर्स के एक गैंग को पकड़ने के बाद किया. पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से 16 गाड़ियां बरामद की हैं, इनमें से 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद हुई हैं.
डीसीपी जी.रामगोपाल नाइक के अनुसार क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई प्रमोद सिंह को सूचना मिली थी कि वाहन चोरी में शामिल कुछ बदमाश भैरव मंदिर के पास आएंगे. इस जानकारी पर एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर जतन सिंह और एसआई रविंद्र सिंह की टीम ने भैरव मंदिर के पास जाल बिछाकर सुरेश कुमार उर्फ राज और तेजेंद्र सिंह उर्फ काका को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक गाड़ी, देसी कट्टा और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए.
श्रीनगर से बरामद हुई 13 गाड़ियां
इनकी निशानदेही पर शमशाद अली को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया. उसके पास से एक हुंडई वर्ना कार मिली. उससे मिली जानकारी पर श्रीनगर निवासी मकसूद हुसैन को खानपुर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से चोरी की एक बाइक मिली. पूछताछ में सुरेश और तेजेंद्र ने बताया कि वो शमशाद अली द्वारा दिए गए ऑर्डर पर दिल्ली एनसीआर से गाड़ी चोरी करते थे. शमशाद अली इस गाड़ी को मकसूद हुसैन के माध्यम से जम्मू कश्मीर में बेचता था. वो गाड़ी को बेचते समय खरीददार को नहीं बताते थे कि ये गाड़ी चोरी की है. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर 13 गाड़ियां श्रीनगर से बरामद की हैं.
अब तक बेची 100 से ज्यादा गाड़ियां
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वो अब तक 100 से ज्यादा गाड़ियां श्रीनगर और जम्मू में बेच चुके हैं. गिरफ्तार किए गए सुरेश कुमार के खिलाफ 43 मामले पहले से दर्ज हैं. वहीं तेजेंद्र सिंह के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार किए गए मकसूद हुसैन ने एमबीए किया है. साल 2015 में वो दिल्ली आया और यहां एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा. 2017 में उसने आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार शुरू किया, जिसमें उसे घाटा हुआ. साल 2018 में वो डॉक्टर जहूर, अयूब खान और रफीक के संपर्क में आया जो कश्मीर में रहते थे. डॉक्टर जहूर ने उसे शमशाद अली से मिलवाया, जिनके साथ मिलकर वो गाड़ी चोरी के धंधे में शामिल हो गया.