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औद्योगिक नीति पर श्रेय की होड़! आदेश गुप्ता बोले- केंद्र सरकार ने लिया निर्णय, दिल्ली को होगा फायदा - arvind kejariwal on industrial policy

दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री के ही खोले जाने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद नेताओं में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. दिल्ली सरकार जहां इसे अपना प्रस्ताव बता रही है, वहीं बाजेपी इसे दिल्ली के हित में केंद्र सरकार का फैसला बता रही है.

Credit race on industrial policy in Delhi
औद्योगिक नीति पर श्रेय की होड़
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Published : Nov 3, 2020, 9:17 PM IST

नई दिल्ली: औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री के ही खोले जाने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद दिल्ली की राजनीति में इस पर श्रेय लेने की होड़ लग गई है. बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये उन्हीं की सरकार का प्रस्ताव था, जिस पर केंद्र ने मंजूरी दी है. वहीं मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर विधूड़ी ने प्रेसवार्ता कर इस बात पर ज़ोर दिया कि भाजपा की केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है और इसे दिल्ली के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

औद्योगिक नीति पर श्रेय की होड़
भाजपा अध्यक्ष का दावाआदेश गुप्ता ने कहा कि 29 अक्टूबर को औद्योगिक नीति की अधिसूचना जारी हुई है, जिसके बाद सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों को इन क्षेत्रों में अपने दफ्तर खोलने की छूट मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह फैसला लेना जरूरी था. गुप्ता ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही आने वाले दिनों में दिल्ली को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को इसके लिए उन्होंने धन्यवाद किया है. केंद्र सरकार ने लिया फैसला

इस सवाल पर कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था, आदेश गुप्ता ने बात को घुमाते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के लिए पहले भी ऐसे फैसले लेते आई है. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में जब संशोधन की बात आती है, तब कच्ची कॉलोनियों को भी पक्का करने का काम भाजपा की केंद्र सरकार ने ही किया है. आज लोगों को इसका लाभ मिल रहा है तो उसकी उसके लिए शहरी विकास मंत्रालय को पूरा श्रेय जाता है.

क्या है प्रस्ताव
बताते चलें कि हाल ही में औद्योगिक क्षेत्र को लेकर दिए गए दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है. इसके तहत दिल्ली के नए औद्योगिक क्षेत्रों में अब केवल हाईटेक और सर्विस उद्योग ही लग सकेंगे. अब तक ऐसे उद्योगों के लिए दिल्ली में जगह नहीं होती थी. जिसके बाद इन्हें नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में शिफ्ट किया जाता था. इन उद्योगों में कंप्यूटर और टेलीकॉम से जुड़ी कंपनियों के दफ्तर, हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर फर्म, लॉ फर्म, शिक्षा से जुड़े संस्थान और अन्य सर्विस उद्योग शामिल हैं.

नई दिल्ली: औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री के ही खोले जाने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद दिल्ली की राजनीति में इस पर श्रेय लेने की होड़ लग गई है. बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये उन्हीं की सरकार का प्रस्ताव था, जिस पर केंद्र ने मंजूरी दी है. वहीं मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर विधूड़ी ने प्रेसवार्ता कर इस बात पर ज़ोर दिया कि भाजपा की केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है और इसे दिल्ली के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

औद्योगिक नीति पर श्रेय की होड़
भाजपा अध्यक्ष का दावाआदेश गुप्ता ने कहा कि 29 अक्टूबर को औद्योगिक नीति की अधिसूचना जारी हुई है, जिसके बाद सर्विस सेक्टर से जुड़े लोगों को इन क्षेत्रों में अपने दफ्तर खोलने की छूट मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए यह फैसला लेना जरूरी था. गुप्ता ने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही आने वाले दिनों में दिल्ली को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को इसके लिए उन्होंने धन्यवाद किया है. केंद्र सरकार ने लिया फैसला

इस सवाल पर कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था, आदेश गुप्ता ने बात को घुमाते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के लिए पहले भी ऐसे फैसले लेते आई है. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में जब संशोधन की बात आती है, तब कच्ची कॉलोनियों को भी पक्का करने का काम भाजपा की केंद्र सरकार ने ही किया है. आज लोगों को इसका लाभ मिल रहा है तो उसकी उसके लिए शहरी विकास मंत्रालय को पूरा श्रेय जाता है.

क्या है प्रस्ताव
बताते चलें कि हाल ही में औद्योगिक क्षेत्र को लेकर दिए गए दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है. इसके तहत दिल्ली के नए औद्योगिक क्षेत्रों में अब केवल हाईटेक और सर्विस उद्योग ही लग सकेंगे. अब तक ऐसे उद्योगों के लिए दिल्ली में जगह नहीं होती थी. जिसके बाद इन्हें नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में शिफ्ट किया जाता था. इन उद्योगों में कंप्यूटर और टेलीकॉम से जुड़ी कंपनियों के दफ्तर, हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर फर्म, लॉ फर्म, शिक्षा से जुड़े संस्थान और अन्य सर्विस उद्योग शामिल हैं.

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