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आधी रात में छापेमारी पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार - आधी रात में छापेमारी पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

दिल्ली की एक कोर्ट ने आधी रात में छापेमारी करने के लिए एक व्यक्ति के घर में घुसने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि अपने कर्तव्यों का पालन न करते हुए पुलिस ने अपराधियों के रूप में काम किया है.

दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार
दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार
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Published : Oct 25, 2021, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में रात करीब ढाई बजे एक व्यक्ति के घर में घुसने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. एडिशनल सेशंस जज रविंदर बेदी ने कहा कि अपने कर्तव्यों का पालन न करते हुए पुलिस ने अपराधियों के रूप में काम किया है.

इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि 'बाइबल में यह कहा जाता है कि यदि नमक ने अपना स्वाद खो दिया है, तो इसे कहां से नमकीन किया जाएगा?

पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें दो अपराधी उसके घर में छिपे हुए थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पुलिस को कानून के अनुसार, बिना किसी बाहरी विचारों से प्रभावित हुए जांच करने करनी चाहिए, लेकिन रक्षकों को शिकारी नहीं बनना चाहिए. इस मामले में कोर्ट का मानना था कि पुलिस के कथित विशिष्ट सूचना के तथ्य के समर्थन में कुछ नहीं था.

यह मामला तब संज्ञान में आया जब व्यक्ति ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की. व्यक्ति का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें पैरों और मुठ्ठी के साथ-साथ बंदूक की बट और हाथों में कुछ तेज धार वाले हथियारों से बेरहमी से पीटा.

ये भी पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे 227 भारतीयों को वापस लाने के लिए याचिका दायर

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है. जहां छह पुलिस अधिकारियों ने साउथ जिले की नारकोटिक्स के सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर एक अवैध कृत्य किया. यानी आधी रात में घर में घुसकर दस्तक देते रहे. साथ ही अन्य आरोपी व्यक्तियों को आश्रय देने में शामिल होने के शक में आवेदक को गिरफ्तार करने के लिए करीब एक घंटे तक दरवाजा बंद कर दिया.

ये भी पढ़ें- राम जन्मभूमि मामले के वकील को सुरक्षा देने पर दोबारा विचार करे दिल्ली पुलिस: हाई कोर्ट

कोर्ट ने उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त को आदेश दिया कि साउथ जिले के अतिरिक्त DCP के रूप में उनके इशारों पर पुलिस टीम द्वारा किए ऐसे कथित छापेमारी की संख्या की जांच करें और दो सप्ताह के अंदर उसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे.

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में रात करीब ढाई बजे एक व्यक्ति के घर में घुसने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. एडिशनल सेशंस जज रविंदर बेदी ने कहा कि अपने कर्तव्यों का पालन न करते हुए पुलिस ने अपराधियों के रूप में काम किया है.

इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि 'बाइबल में यह कहा जाता है कि यदि नमक ने अपना स्वाद खो दिया है, तो इसे कहां से नमकीन किया जाएगा?

पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें दो अपराधी उसके घर में छिपे हुए थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पुलिस को कानून के अनुसार, बिना किसी बाहरी विचारों से प्रभावित हुए जांच करने करनी चाहिए, लेकिन रक्षकों को शिकारी नहीं बनना चाहिए. इस मामले में कोर्ट का मानना था कि पुलिस के कथित विशिष्ट सूचना के तथ्य के समर्थन में कुछ नहीं था.

यह मामला तब संज्ञान में आया जब व्यक्ति ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की. व्यक्ति का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें पैरों और मुठ्ठी के साथ-साथ बंदूक की बट और हाथों में कुछ तेज धार वाले हथियारों से बेरहमी से पीटा.

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कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है. जहां छह पुलिस अधिकारियों ने साउथ जिले की नारकोटिक्स के सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर एक अवैध कृत्य किया. यानी आधी रात में घर में घुसकर दस्तक देते रहे. साथ ही अन्य आरोपी व्यक्तियों को आश्रय देने में शामिल होने के शक में आवेदक को गिरफ्तार करने के लिए करीब एक घंटे तक दरवाजा बंद कर दिया.

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कोर्ट ने उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत देते हुए दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त को आदेश दिया कि साउथ जिले के अतिरिक्त DCP के रूप में उनके इशारों पर पुलिस टीम द्वारा किए ऐसे कथित छापेमारी की संख्या की जांच करें और दो सप्ताह के अंदर उसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे.

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