नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कथित तौर पर पुलिस की ओर से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने के मामले में सीबीआई को पूरक चार्जशीट की प्रति आरोपियों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. स्पेशल जज अतुल कृष्ण अग्रवाल ने मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को करने का आदेश दिया है.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश वकील नवलेंदु कुमार ने कहा कि सीबीआई ने जो पूरक चार्जशीट दाखिल की है, उसकी प्रति उन्हें नहीं मिली है. उसके बाद कोर्ट ने 30 जनवरी को इस मामले के जांच अधिकारी को चार्जशीट की प्रतियों के साथ कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया ताकि वे पूरक चार्जशीट की प्रति हासिल कर सकें.
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आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी बताया गया हाईकोर्ट में मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से दाखिल याचिका अभी लंबित है और हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट में सुनवाई की अगली तिथि 12 मार्च है. इस मामले में सीबीआई ने 30 नवंबर 2023 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 फरवरी 2023 को इस मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 22 दिसंबर 2022 और 9 जनवरी 2023 के दो आदेशों पर भी रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में छह पुलिसकर्मियों में से पांच के खिलाफ हत्या का आरोप तय नहीं किया.
बता दें कि 9 जनवरी 2023 को कोर्ट ने मामले के छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 34 के तहत आरोप तय किए थे. ट्रायल कोर्ट ने हत्या की धारा 302 के तहत केवल आरोपी और थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह के खिलाफ ही आरोप तय किया था. 4 अप्रैल 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. 11 मार्च 2022 को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
कानपुर के रहनेवाले कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर 2021 की सुबह आठ बजे अपने दो दोस्तों हरवीर और प्रदीप के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. तीनों युवक गोरखपुर के रामगढ़ताल में एक होटल में ठहरे थे. 27 सितंबर 2021 की रात ही छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग करने पहुंचे. कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया. आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.
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