नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में आरोप मुक्त कर (court acquits noor mohammad in delhi riots case) दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमचला ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे नहीं है इसलिए सबूतों के अभाव में आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए आरोपमुक्त किया जाता है. आरोपी नूर मोहम्मद पर 10 फरवरी 2020 में खजूरी खास में मेन करावल नगर रोड पर एक शोरूम में आग लगाने वाली दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था.
शिकायतकर्ता सीमा अरोड़ा ने यह दावा किया था कि उनके शोरूम को आग के हवाले करने से उन्हें लगभग 12.40 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है. मामले में उनके बेटे विशाल अरोड़ा ने अलग से शिकायत की थी. इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपी के किसी तरह की खुली कार्रवाई का कोई सबूत नहीं. कोर्ट ने यह भी कहा कि दंगाइयों की भीड़ में आरोपी की पहचान को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने भी कोई गवाही नहीं दी है.
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इससे पहले खजूरी खास थाने ने शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर दंगा समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. बता दें कि सीएए कानून के विरोध में दिल्ली में आयोजित रैली के बाद भड़के इस दंगे में लगभग 60 लोगों की मौत हो गई थी. इस दंगे को भड़काने के आरोप में बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. कई आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है हालांकि उन पर अभी भी केस चल रहा है. इन आरोपियों में जामिया और जेएनयू में पढ़ने वाले कई छात्र भी शामिल है.
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