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कोरोना ने बढ़ाए नारियल और मौसंबी जैसे फलों के दाम, डिमांड में चार गुना तक इजाफा

दिल्ली में महामारी के समय में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए लोग ज्यादा फल खा रहे हैं. जिसकी वजह से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है. जिसके कारण नारियल और मौसंबी जैसे फलों के दामों में वृद्धि हो गई है.

corona results in gradual increase of fruit rates
नारियल और मौसंबी
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Published : May 8, 2021, 10:29 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने राजधानी दिल्ली में हाहाकार मचा रखा है. महामारी के समय में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए लोग तमाम तरीक के हथकंडों के साथ साथ डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए वो फल भी खूब खा रहे हैं, जिनसे संक्रमित होने की संभावनाओं को कम हो जाने का दावा किया जाता है. इसी में शामिल है नारियल और मौसंबी जैसे फल. आलम ये है कि कोरोना की दूसरी लहर में इन फलों की डिमांड चार गुना तक बढ़ गई है और इसी के चलते रेट आसमान छू रहे हैं.

कोरोना ने बढ़ाए नारियल और मौसंबी जैसे फलों के दाम

जो नारियल पहले 40 रुपये पीस के हिसाब से मिलता था वो आजकल 90 और 100 तक बिक रहा है. मौसंबी 50 रुपये से 120 रुपये और इसी के साथ कीवी फल भी महंगा हो गया है. बढ़ती कीमतों से सिर्फ खरीदार परेशान नहीं हैं बल्कि वो विक्रेता भी परेशान है जो मंडी से फल खरीद मुनाफा कमाने के लिए लोकल मार्केट में इन फलों को बेचते हैं.

शंकर रोड पर चार गुना तक डिमांड

शंकर रोड पर नारियल बेचने वाले मोहम्मद शमीम कहते हैं कि नारियल के रेट में डिमांड बढ़ने के चलते इज़ाफ़ा हुआ है. वह खुद इसे 80 रुपये तक बेच रहे हैं जबकि मुनाफा पहले से भी कम है. शमीम को नारियल मंडी से बेहतर रुपये तक का मिलता है. इसके बाद उन्हें किराये का पैसा भी देना पड़ता है और फिर ग्राहकों को एक दो रुपये की छूट भी. ऐसे में मुनाफ़ा महज़ एक दो रुपये रह जाता है. वहीं महामारी के इस वक्त में जबकि लोग नारियल की जरूरत अधिक महसूस कर रहे हैं. तब नारियल के बढ़े हुए रेट के लिए शमीम को रोजाना गालियां भी पड़ती है.

ये भी पढ़ें:-खबर का असर: सरदार पटेल कोविड सेंटर के बाहर शुरू हुई 3 टाइम खाने की व्यवस्था

इंद्रपुरी के अल्फाज का भी यही हाल

इंद्रपुरी के पास ठेला लगाने वाले अल्फाज का भी यही हाल है. अल्फाज भी अपनी कहानी कुछ ऐसी ही बताते हैं, लेकिन कहते हैं कि अब उनकी सेल पिछले दिनों के मुकाबले घट गई है. इसके पीछे वह गली गली पहुँचे वेंडरों को कारण बताते हैं. वो अल्फाज कहते हैं कि नारियल के बढ़े रेट के लिए सिर्फ करोड़ों जिम्मेदार नहीं है, बल्कि डीजल के दाम और किराये में हुई वृद्धि भी इसके पीछे का कारण है.

ये भी पढ़ें:-आक्सीजन सिलेंडर और फ्लो मीटर की कालाबाजारी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

मौसंबी और कीवी पर भी आफत

इसी कड़ी में मौसंबी और कीवी जैसे फल भी शामिल हैं. मौसंबी जहां इन दिनों 120 रुपये किलो मिल रही है, तो वहीं कीवी का दाम 45 और 50 रुपये पीस तक है. पटेल नगर के फल विक्रेता कैमरे पर बोलने के लिए तैयार तो नहीं हुए लेकिन उन्होंने यह जरूर माना कि फलों के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि है. वह इसके पीछे गुणा को एकमात्र कारण बताते हैं लेकिन ये भी कहते हैं कि इस वृद्धि से उन्हें कोई मुनाफ़ा नहीं है.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने राजधानी दिल्ली में हाहाकार मचा रखा है. महामारी के समय में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए लोग तमाम तरीक के हथकंडों के साथ साथ डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए वो फल भी खूब खा रहे हैं, जिनसे संक्रमित होने की संभावनाओं को कम हो जाने का दावा किया जाता है. इसी में शामिल है नारियल और मौसंबी जैसे फल. आलम ये है कि कोरोना की दूसरी लहर में इन फलों की डिमांड चार गुना तक बढ़ गई है और इसी के चलते रेट आसमान छू रहे हैं.

कोरोना ने बढ़ाए नारियल और मौसंबी जैसे फलों के दाम

जो नारियल पहले 40 रुपये पीस के हिसाब से मिलता था वो आजकल 90 और 100 तक बिक रहा है. मौसंबी 50 रुपये से 120 रुपये और इसी के साथ कीवी फल भी महंगा हो गया है. बढ़ती कीमतों से सिर्फ खरीदार परेशान नहीं हैं बल्कि वो विक्रेता भी परेशान है जो मंडी से फल खरीद मुनाफा कमाने के लिए लोकल मार्केट में इन फलों को बेचते हैं.

शंकर रोड पर चार गुना तक डिमांड

शंकर रोड पर नारियल बेचने वाले मोहम्मद शमीम कहते हैं कि नारियल के रेट में डिमांड बढ़ने के चलते इज़ाफ़ा हुआ है. वह खुद इसे 80 रुपये तक बेच रहे हैं जबकि मुनाफा पहले से भी कम है. शमीम को नारियल मंडी से बेहतर रुपये तक का मिलता है. इसके बाद उन्हें किराये का पैसा भी देना पड़ता है और फिर ग्राहकों को एक दो रुपये की छूट भी. ऐसे में मुनाफ़ा महज़ एक दो रुपये रह जाता है. वहीं महामारी के इस वक्त में जबकि लोग नारियल की जरूरत अधिक महसूस कर रहे हैं. तब नारियल के बढ़े हुए रेट के लिए शमीम को रोजाना गालियां भी पड़ती है.

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इंद्रपुरी के अल्फाज का भी यही हाल

इंद्रपुरी के पास ठेला लगाने वाले अल्फाज का भी यही हाल है. अल्फाज भी अपनी कहानी कुछ ऐसी ही बताते हैं, लेकिन कहते हैं कि अब उनकी सेल पिछले दिनों के मुकाबले घट गई है. इसके पीछे वह गली गली पहुँचे वेंडरों को कारण बताते हैं. वो अल्फाज कहते हैं कि नारियल के बढ़े रेट के लिए सिर्फ करोड़ों जिम्मेदार नहीं है, बल्कि डीजल के दाम और किराये में हुई वृद्धि भी इसके पीछे का कारण है.

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मौसंबी और कीवी पर भी आफत

इसी कड़ी में मौसंबी और कीवी जैसे फल भी शामिल हैं. मौसंबी जहां इन दिनों 120 रुपये किलो मिल रही है, तो वहीं कीवी का दाम 45 और 50 रुपये पीस तक है. पटेल नगर के फल विक्रेता कैमरे पर बोलने के लिए तैयार तो नहीं हुए लेकिन उन्होंने यह जरूर माना कि फलों के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि है. वह इसके पीछे गुणा को एकमात्र कारण बताते हैं लेकिन ये भी कहते हैं कि इस वृद्धि से उन्हें कोई मुनाफ़ा नहीं है.

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