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दुष्कर्म के आरोपी के साथ पीड़िता की भी हो रही कोरोना जांच, जानिए इसकी बड़ी वजह

दुष्कर्म के मामले में पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करवाना अनिवार्य है. यह बयान खुद मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाता है. ऐसे में अगर पीड़िता कोरोना से संक्रमित हुई तो जांच अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बयान दर्ज कराने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि पीड़िता को कोरोना नहीं है.

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Published : Jun 3, 2020, 3:49 PM IST

Corona investigation of victim and accused being conducted before Delhi Police statement
दिल्ली पुलिस बयान से पहले पीड़िता और आरोपी की करा रही कोरोना जांच

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है, उसने सबकी चिंता बढ़ा रखी है. किसी भी प्रकार के अपराध में कोरोना को लेकर सावधानियां बरती जा रही हैं. ऐसे में राजधानी में होने वाले दुष्कर्म के मामलों में मेडिकल के दौरान न केवल आरोपी बल्कि पीड़िता की भी कोरोना जांच की जा रही है. आरोपी को जहां जांच के बाद जेल भेजा जाता है तो वहीं पीड़िता को रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है.

दिल्ली पुलिस बयान से पहले पीड़िता और आरोपी की करा रही कोरोना जांच
जानकारी के अनुसार राजधानी में औसतन चार से पांच दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज होती हैं. लॉकडाउन के दौरान इनकी संख्या में कमी आई है. लेकिन कोरोना के समय में इस तरह की वारदात से न केवल आरोपी और पीड़िता बल्कि इस मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी, जज, जेल प्रशासन आदि में भी कोरोना फैलने का डर बना रहता है. इसलिए दुष्कर्म के प्रत्येक मामले में आरोपी एवं पीड़िता का मेडिकल कराने के दौरान उनकी कोरोना जांच भी करवाई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन एहतियातन यह कदम उठाया जा रहा है. बयान से पहले पीड़िता की कोरोना जांच

पुलिस सूत्रों के अनुसार दुष्कर्म के मामले में पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करवाना अनिवार्य है. यह बयान खुद मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाता है. ऐसे में अगर पीड़िता कोरोना से संक्रमित हुई तो जांच अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बयान दर्ज कराने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि पीड़िता को कोरोना नहीं है. कई मामलों में दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को नारी निकेतन या किसी अन्य संस्था में रखा जाता है. ऐसे में अगर वह कोरोना से संक्रमित होगी तो संस्था में रहने वाले अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं. यही वजह है कि अब आरोपी के साथ पीड़िता की भी कोरोना जांच करवाई जा रही है.


कोरोना संक्रमित से हुआ था दुष्कर्म

बीते अप्रैल माह में नबी करीम में रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता की जब जांच हुई तो पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित थी. इस मामले में आरोपी को जेल भेजा जा चुका था. इसलिए वहां उसकी कोरोना जांच की गई थी. हालांकि उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन इस मामले के बाद यह तय किया गया कि दुष्कर्म के मामले में आरोपी और पीड़िता की कोरोना जांच अवश्य करवाई जाएगी.

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है, उसने सबकी चिंता बढ़ा रखी है. किसी भी प्रकार के अपराध में कोरोना को लेकर सावधानियां बरती जा रही हैं. ऐसे में राजधानी में होने वाले दुष्कर्म के मामलों में मेडिकल के दौरान न केवल आरोपी बल्कि पीड़िता की भी कोरोना जांच की जा रही है. आरोपी को जहां जांच के बाद जेल भेजा जाता है तो वहीं पीड़िता को रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है.

दिल्ली पुलिस बयान से पहले पीड़िता और आरोपी की करा रही कोरोना जांच
जानकारी के अनुसार राजधानी में औसतन चार से पांच दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज होती हैं. लॉकडाउन के दौरान इनकी संख्या में कमी आई है. लेकिन कोरोना के समय में इस तरह की वारदात से न केवल आरोपी और पीड़िता बल्कि इस मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी, जज, जेल प्रशासन आदि में भी कोरोना फैलने का डर बना रहता है. इसलिए दुष्कर्म के प्रत्येक मामले में आरोपी एवं पीड़िता का मेडिकल कराने के दौरान उनकी कोरोना जांच भी करवाई जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन एहतियातन यह कदम उठाया जा रहा है. बयान से पहले पीड़िता की कोरोना जांच

पुलिस सूत्रों के अनुसार दुष्कर्म के मामले में पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करवाना अनिवार्य है. यह बयान खुद मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाता है. ऐसे में अगर पीड़िता कोरोना से संक्रमित हुई तो जांच अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. इसलिए बयान दर्ज कराने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि पीड़िता को कोरोना नहीं है. कई मामलों में दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को नारी निकेतन या किसी अन्य संस्था में रखा जाता है. ऐसे में अगर वह कोरोना से संक्रमित होगी तो संस्था में रहने वाले अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं. यही वजह है कि अब आरोपी के साथ पीड़िता की भी कोरोना जांच करवाई जा रही है.


कोरोना संक्रमित से हुआ था दुष्कर्म

बीते अप्रैल माह में नबी करीम में रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता की जब जांच हुई तो पता चला कि वह कोरोना से संक्रमित थी. इस मामले में आरोपी को जेल भेजा जा चुका था. इसलिए वहां उसकी कोरोना जांच की गई थी. हालांकि उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन इस मामले के बाद यह तय किया गया कि दुष्कर्म के मामले में आरोपी और पीड़िता की कोरोना जांच अवश्य करवाई जाएगी.

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