नई दिल्ली: राजधानी में विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है ऐसे में चुनाव पर सबसे ज्यादा जो असर डालता है, वह राजधानी का युवा है. पिछले दिनों विभिन्न मुद्दों पर यह युवा विरोध जताते हुए सड़कों पर उतरा था, जिससे यह साफ नजर आया था कि देश का युवा बदलाव लाने में एक मजबूत भूमिका निभाता है.
वहीं दिल्ली के कुल मतदाताओं में 51 फ़ीसदी से ज्यादा युवा है. ऐसे में चुनावी नतीजों पर युवाओं की अहम भूमिका होगी, यही जानने के लिए हम दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच पहुंचे.
'युवाओं के लिए शिक्षा रोजगार अहम मुद्दा'
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी डिपार्टमेंट से पीएचडी कर रहे दिनेश का कहना था की हमेशा से ही युवाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार अहम मुद्दा रहा है. इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए हर एक युवा अपने मत का प्रयोग करता है. जो भी सरकार इन मुद्दों पर काम करेगी हम उसी को वोट देंगे.
'पिछले 40 सालों से बेरोजगारी की दर बढ़ी'
छात्र का कहना था कि पिछले 40 सालों में हमने देखा है कि बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा बढ़ी है और आज का युवा सबसे ज्यादा रोजगार के लिए परेशान है. शिक्षा संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है. ऐसे में जो गरीब छात्र है वह कैसे पढ़ेगा. लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. सरकार गलत और फेक मुद्दे लाकर छात्रों का ध्यान भटका रही है, कोई भी छात्रों के हितों के बारे में नहीं सोच रहा.
बेहतर शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर होना जरूरी
वहीं अन्य छात्र का कहना था की अगर छात्र अपनी शिक्षा को बेहतर तरीके से करेगा, तो उसे रोजगार अवश्य मिलेगा. कई बार छात्र शिक्षा पर ध्यान नहीं देता है, जिसके बाद उसे रोजगार नहीं मिलता है. जिसको लेकर पीएचडी कर रहे सुरेश का कहना था कि यदि डिग्री हासिल करने के बाद भी सीट ही नहीं होगी, तो रोजगार कहां से मिलेगा. इसके लिए सरकार को कदम उठाने की जरूरत है.