नई दिल्ली: बाहरी रिंग रोड पर बुराड़ी से वजीराबाद के बीच करीब 35 करोड़ की लागत से दो अंडरपास बनाए जा रहे हैं. जिसका निर्माण कार्य लगभग एक साल में पूरा होगा जिसका फायदा आम लोगों को मिलेगा. मजनू टीला रेड लाइट से बुराड़ी रेड लाइट तक करीब 5 से 6 किलोमीटर के बीच बाहरी रिंग रोड पर कोई यूटर्न नहीं है, जिसकी वजह से वज़ीराबाद में बने सववे का प्रयोग लोग दुपहिया वाहनों से सड़क पर करने के लिए करते है. जिससे पैदल चल रहे लोगों को हादसे होने का डर बना रहता है. इन अंडरपास का निर्माण कार्य तीन चरण में करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा. जिसके बाद रिंगरोड पर होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
वजीराबाद इलाके में बाहरी रिंगरोड पर चल रहे अंडर पास के निर्माणकार्य के बारे में ईटीवी भारत की टीम ने कर्मचारी बात की. उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 40% काम पूरा हो चुका है, यह दूसरे फेस का काम चल रहा है. अंडरपास बनाने का काम 3 फेस में पूरा होगा. इस अंडरपास की चौड़ाई 9 मीटर और ऊंचाई 3 मीटर है. जिसमें हल्के वाहन चलेंगे, बाहरी वाहनों के प्रवेश पर मनाही होगी. दोनों अंडरपास का निर्माणकार्य करीब 35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा होगा. अंडरपास को बनाने में 71 सिमेंटेड सेगमेंट लगाए जा रहे हैं, एक साल बाद जब यह अंडरपास बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.
वजीराबाद इलाके में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अंडपास बनाया जा रहा है जिसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी. पहले लोग रिंगरोड के उपर से अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पर करते थे. हादसों को टालने के लिए शीला सरकार ने पांच फुटओवर ब्रिज बनवाये, लेकिन अब केजरीवाल सरकार में करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से दो अंडर पास बनाए जा रहे हैं. बीते करीब छह माह में अंडरपास का निर्माण कार्य लगभग 40% पूरा हो चुका है, अभी इसका काम पूरा होने में लगभग एक साल का समय लगेगा. जब दोनों अंडरपास का निर्माण कार्य पूरा होगा तो रिंग रोड पर हादसों में भी कमी आयेगी.
इन दोनों अंडरपास का प्रयोग लोग सड़क पर करने के लिए तो करेंगे, साथ ही वज़ीराबाद की ओर से मुकरबा चौक और मुकरबा चौक से वज़ीराबाद की ओर आने जाने वाले लोग यूटर्न भी कर सकेंगे. जिससे सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
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