नई दिल्ली: एक तरफ जहां कांग्रेस शासित प्रदेशों से वहां के युवा चेहरे दूरी बना रहे हैं. तो वही दूसरी तरफ दिल्ली की पूरी कमान युवा नेताओ पर है और इन्हीं युवा नेताओं के सहारे दिल्ली कांग्रेस दिल्ली में जमीनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है.
युवाओं पर जताया भरोसा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली की कमान युवा नेता चौधरी अनिल कुमार को सौंपी थी. इतना ही नहीं दिल्ली प्रदेश के सभी उपाध्यक्ष पद की कमान भी युवा चेहरों को सौंपी गई है. जिन पर जिम्मेदारी है कि दिल्ली में कांग्रेस की पकड़ को मजबूत करना.
अगर बात प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार की करें तो अनिल कुमार यूथ कांग्रेस में जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ एक बार विधायक भी रह चुके हैं. उनके अध्यक्ष बनने के बाद से ही दिल्ली कांग्रेस लगातार जमीन पर सक्रिय है और जनहित से जुड़े मुद्दों पर लगातार दिल्ली सरकार का घेराव भी कर रही हैं.
जमीनी पकड़ मजबूत करना चुनौती
गौरतलब है कि 15 साल तक दिल्ली के सत्ता में काबिज कांग्रेस के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करना है. लगातार दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अब युवा चेहरों पर भरोसा जताया है और दिल्ली की सत्ता वापस पाने का सारा दारोमदार इन्हीं युवा चेहरों पर है.
हार्दिक पटेल को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष
दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस नेतृत्व द्वारा युवा चेहरों पर भरोसा जताया जा रहा है. कुछ दिनों पहले गुजरात की कमान भी युवा कांग्रेसी नेता हार्दिक पटेल को सौंपी गई थी.
जो लंबे समय से पाटीदार आंदोलन से जुड़े रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लगातार सत्ता से दूर कांग्रेस इन युवा चेहरों के भरोसे किस हद तक अपनी जमीनी पकड़ मजबूत कर पाती है.