नई दिल्लीः अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संसद में अडानी पर पूछे गए सवालों पर केन्द्र की बीजेपी सरकार इतनी घबराई हुई है, उनके भाषण से अडानी के नाम और उनसे जुड़े वक्तव्य को ही शब्दावली से निकाल दिया गया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा संसद में अडानी पर पूछे गए सवाल से प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र सरकार पूरी डरी हुई है, जिससे बचने के लिए सरकार ने राहुल जी के खिलाफ कार्रवाई करके कानूनी अमलीजामा पहना कर उनकी संसद से सदस्यता को ही रद्द करवा दिया.
पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी के सवाल कि अडानी की शेल कम्पनियों में लगाए गए 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? मोदी सरकार को इसका जवाब देना ही पड़ेगा. अडानी की शेल कम्पनियों में 20 हजार करोड़ निवेश हुआ, उसमें एक चीनी नागरिक भी शामिल है. यह चीनी नागरिक कौन है? देश की जनता जानना चाहती है, जबकि मोदी सरकार इसे छिपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि आखिर कैसे एक अडानी को ही रक्षा, कोयला, बिजली, एयरपोर्ट, मीडिया और तमाम सरकार के अंतर्गत ठेके प्राथमिकता के तहत मिल रहे हैं, कांग्रेस देशहित में जानना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेता अडानी मुद्दे पर इतने डरे हुए हैं कि राहुल गांधी कोई टिप्पणी करते है तो जवाब देने अडानी के बचाव में पूरी कैबिनेट उतर आती है.
अडानी और मोदी में क्या है गठबंधनः पवन खेड़ा ने कहा कि यह किसी से छिपा नही है कि मोदी सरकार की अडानी समूह पर विशेष मेहरबानी है. मोदी सरकार द्वारा दबाव बनाने पर एलआईसी धारकों के 35 लाख करोड़ रुपए अडानी ग्रुप में निवेश किया, जिस पर खतरा मंडरा है और एसबीआई के करोड़ों खाता धारकों की राशि को बचाने के लिए राहुल गांधी देशहित में लड़ाई लड़ रहे है, क्योंकि सरकारी संस्थाओं का पैसा अडानी समूह में लगाने का देश विरोधी फैसला भाजपा की केन्द्र सरकार ने लिया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब विदेश यात्रा करते हैं तो कैसे गौतम अडानी उनके साथ होते हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मोदी जी अडानी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए अडानी के साथ एसबीआई चेयरमैन को भी लेकर जाते हैं. यही नहीं मोदी ने श्रीलंका सरकार पर दबाव डालकर वहां पावर सेक्टर का ठेका दिलाने और बांग्लादेश में अडानी को बिजली आपूर्ति का ठेका दिलाने के लिए वहां की सरकार पर दबाव डलवाया. हम पूछते हैं कि अडानी पर मोदी जी की विशेष मेहरबानी क्यों, सरकार जवाब दें?
ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग पर निशानाः मोदी सरकार की नीति यह है कि ईडी और सीबीआई जैसी सरकारी एजेंसियां जहां रेड डालती है, उन कम्पनियों और संस्थाओं को अडानी समूह सरकार के सहयोग से खरीद लेता है. उन्होंने कहा कि पिछले 70-75 वर्षों में कभी नहीं हुआ कि सत्ता पक्ष ही सदन को चलने में बाधा डाले.
उन्होंने कहा कि 7 फरवरी को राहुल जी का संसद में भाषण होता है, 9 फरवरी को वह व्यक्ति जिसने सूरत कोर्ट में मानहानि के केस को होल्ड कराया हुआ था, स्टे हटाकर केस ओपन करवाता है और 20 दिनों में 7 सुनवाई में सजा सुनाई जाती है और 24 घंटे बाद राहुल जी की लोकसभा सदस्यता रद्द होती है. इसके बाद 24 घंटे बाद उनके सरकारी आवास को खाली करने का फरमान जारी होना, मोदी सरकार की घबराहट नहीं तो क्या हैं?
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