नई दिल्ली: दिल्ली की सातों सीटों पर 12 मई को मतदान होना है. आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी-कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. 'आप'-कांग्रेस में गठबंधन को लेकर खबरें चल रही हैं. आइए जानते हैं, अगर गठबंधन होता है तो चांदनी चौक सीट पर क्या समीकरण बन सकते हैं ?
गठबंधन से जीत संभव!
कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक लोकसभा सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की है. पिछले चुनाव में इस सीट पर 'आप' के प्रत्याशी आशुतोष ने अच्छा प्रदर्शन किया था और दूसरे नंबर पर रहे थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल तीसरे नंबर पर. इसलिए संभावना जताई जा रही है कि अगर कांग्रेस-'आप' गठबंधन होता है तो पार्टी के लिए यहां जीत दर्ज करना संभव हो सकता है.
पिछली बार 'आप' दूसरे नंबर पर थी
आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सीट से पंकज गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. 2014 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. हर्षवर्धन ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आशुतोष को एक लाख छत्तीस हजार मतों से शिकस्त दी थी.
कपिल सिब्बल जो कि 2004 और 2009 में चांदनी चौक सीट से जीते थे और यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे, वो 176000 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.
चांदनी चौक में बीजेपी जीती थी
अगर 2015 के दिल्ली विधान सभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें हासिल की थी. चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में दस विधान सभा सीटें हैं. आदर्श नगर, शालीमारबाग, शकूरबस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक और मटिया महल. आम आदमी पार्टी ने इन सभी सीटों पर विजय हासिल की थी.
जबकि आदर्श नगर, चांदनी चौक और सदर बाजार विधान सभा सीट से आम आदमी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी से दो गुना वोट मिले थे. त्रिनगर, वजीरपुर और मॉडल टाउन से आम आदमी पार्टी से डेढ़ गुना ज्यादा वोट मिले थे.
गठबंधन कड़ी चुनौती पेश करता!
अगर 2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ो पर नजर डालें तो आंकड़े साफ इशारा करते हैं कि 'आप'-कांग्रेस का गठबंधन विरोधी पार्टी बीजेपी को चांदनी चौक लोक सभा सीट पर चुनौती देने में सफल हो सकता है.
वहीं दूसरी तरफ 2015 दिल्ली विधान सभा चुनाव के आंकड़े ये दर्शाते हैं कि आम आदमी पार्टी ने 2014 लोक सभा चुनाव के बाद चांदनी चौक लोक सभा सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की है और अगर ऐसी स्थिति में कांग्रेस के साथ गठबंधन हो जाता है तो आम आदमी पार्टी के लिए चांदनी चौक लोकसभा सीट की लड़ाई और आसान हो जाएगी.
इस बार कैसा होगा मुकाबला?
सोचने वाली बात ये भी है कि अगर गठबंधन होता है तो चांदनी चौक सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी. कपिल सिब्बल दो बार चांदनी चौक से सांसद रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ 2014 आम चुनाव में आशुतोष का प्रदर्शन सिब्बल से अच्छा रहा था.