नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में लागू सीबीसीएस सिस्टम को लेकर छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं. जिसके बाद SOL प्रशासन ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा और बताया कि किसी भी विश्वविद्यालय में दो नियमों के मुताबिक शिक्षा नहीं दी जा सकती.
'नहीं चल सकते दो 2 पाठ्यक्रम'
इसी के अंतर्गत SOL में भी रेगुलर कॉलेजों के मुताबिक सीबीसीएस सिस्टम लागू किया गया. यूजीसी के साल 2016-17 दिशानिर्देश के तहत किसी भी विश्वविद्यालय में 2 पाठ्यक्रम नहीं चल सकते हैं इसीलिए चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है. और यदि इसे लागू नहीं किया जाता तो अगले साल जुलाई तक ओपन डिस्टेंस लर्निंग की फेस्टिवल की मान्यता समाप्त हो सकती थी.
वेबसाइट पर किया गया सिलेबस अपलोड
प्रो रमेश से जब हमने छात्रों की तरफ से सिलेबस और स्टडी मैटेरियल को लेकर आ रही शिकायतों के बारे में सवाल किया. तो उनका कहना था एस ओ एल ने 15 अगस्त से ही एस ओ एल की वेबसाइट पर सिलेबस अपलोड कर दिया था.
इसके अलावा वीडियो लेक्चर भी वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं जो हर एक छात्र के डैशबोर्ड पर भी उपलब्ध हैं.
बांटा जाएगा स्टडी मैटेरियल
इसके अलावा उनका कहना था कि 15 सितंबर से हमने छात्रों को स्टडी मैटेरियल देना शुरू किया है जो कि 31 अक्टूबर तक बांटा जाएगा. और अभी तक 60 फ़ीसदी छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री दी जा चुकी है. छात्रों को सॉफ्ट कॉपी उनके डैशबोर्ड पर भी दी जा रही है और हार्ड कॉपी 31 अक्टूबर तक छात्रों को स्टडी सेंटर पर उपलब्ध होगी. इसके अलावा इस साल अंडर ग्रेजुएशन के कोर्स में 1 लाख 41 हज़ार 319 छात्रों ने दाखिला लिया है
इसके अलावा प्रोफेसर रमेश भारद्वाज ने एस ओ एल में लागू सीबीसीएस सिस्टम को लेकर पिछले दिनों छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा की SOL रेगुलर मोड पर शिक्षा नहीं देता. छात्रों को यह समझना होगा कि SOL में दाखिला लेने के बाद छात्रों को खुद ही पढ़ाई करनी है. SOL से दी जाने वाली कक्षाएं और स्टडी मैटेरियल सिर्फ उनकी मदद के लिए है वह पूरी तरीके से उस पर निर्भर नहीं रह सकते.
अगले सेमेस्टर के लिए रहेंगे तैयार
इसके अलावा एस वेल एस जी ने आश्वासन देते हुए कहा कि 21 अक्टूबर से दूसरे सेमेस्टर की तैयारी की जाएगी. 1 जनवरी से शुरू हो रहे दूसरे सेमेस्टर के लिए छात्रों को जल्द ही प्रिंटिंग मैटेरियल भी बांट दिया जाएगा. जिससे अगले सेमेस्टर में छात्रों को कोई परेशानी ना हो.