नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के केस काबू में हैं, लेकिन चीन में कोरोना के मामले जिस तेजी से बढ़े (Corona explosion in China) हैं. यहां भी लोगों में डर बन गया है. दिल्ली में वर्तमान संक्रमण दर 0.26 फीसदी ही है, लेकिन अब तक इस वायरस से 20 लाख से अधिक दिल्ली वाले संक्रमित हो चुके हैं. गत वर्ष कोरोना की दूसरी लहर में यहां भी हज़ारों लोगों की मौतें हुईं, इसलिए चीन में मची तबाही से यहां के लोग खासे चिंतित हैं. (concern of people of Delhi increased due to Corona)
दिल्ली में फ़िलहाल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों को लेकर कोई बाध्यता नहीं है. मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने को भी हटा लिया गया है. पिछले महीनों में नवरात्रि, दीपावली, छठ पूजा जैसे त्योहारों के दौरान भी कोरोना को ध्यान में रखकर प्रशासन द्वारा कोई हिदायत नहीं दी गई, तो लोगों ने खुलकर त्योहारों को मनाया. संक्रमण दर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं होने से देश के अन्य राज्यों की तरह दिल्ली के लोगों ने करीब-करीब मान लिया कि कोरोना वायरस अब कमजोर हो चुका है, यह नुकसान नहीं पहुंचाएगा. लेकिन चीन, जापान और अमेरिका आदि देशों में अचानक जो हालात बने हैं, उससे अब यहां के लोग भी चिंतित हैं. हालांकि, एक्सपर्ट बताते हैं कि पैनिक होने की जगह सतर्क रहें (Experts say dont panic need to be careful).
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कितना है डर, कैसे बरतें सावधानी: ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक और बोस्टन स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के साइंटिस्ट डॉ. राम एस उपाध्याय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि चीन में जो हालात हैं उससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है. चीन में ओमीक्रोन के सबलिनियर वैरिएंट BF 7 वायरस (Sublinear variant BF 7 virus of Omicron) है, जिसका रिप्रोडक्शन फैक्टर R 18 है. इस वजह से संक्रमण दर काफी तेजी से फैल रहा है. इसे फैलने से रोका नहीं जा सकता है.
पहले दुनिया में जब कोरोना आया था तो अल्फा वेरिएंट का आर फैक्टर R 2 था. 2020 में इस वैरिएंट से लोग संक्रमित हुए तब कहीं ज्यादा पैनिक थी. 2021 में डेल्टा वैरिएंट जिसका R फैक्टर 5 से 6 था. दूसरे वेब में इस वैरिएंट में तबाही मचा दी थी. अभी चीन में सबलिनियर वैरिएंट जिसका R फैक्टर 18 है, इस कारण संक्रमण काफी तेजी से फैला रहा है. अब सतर्क रहने की इसलिए जरूरत है क्योंकि यह सबलिनियर वैरिएंट वायरस हर व्यक्ति के लिए प्रयोगशाला साबित होगा. अभी तक जो बात सामने आई है कि वायरस का असर श्वसन नली के ऊपर ही है. अगर किसी की इम्युनिटी कम हुई और वह अंदर चला गया तब वह घातक होगा.
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डॉ. उपाध्याय कहते हैं कि चीन में जिस तरह के हालात हैं इसके लिए वहां की सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि जीरो टोलरेंट पॉलिसी के चलते वहां एक साथ इन्फेक्शन नहीं फैला. वहां पर जो वैक्सीन दी गई, रिपोर्ट बताती है कि वह प्रभावी नहीं था. चीन में 19 साल से 60 साल की आयु वालों को ही वैक्सीन देने में वरीयता दी गई.
60 साल से अधिक आयु के सिर्फ 40 फीसद लोगों को वहां वैक्सीन मिली और चीन में 80 साल से ऊपर की भी आबादी बहुत है. कोरोना संक्रमित जिन मरीजों की वहां पर भी मौत की खबरें आ रही हैं वह या तो स्मोकर थे, मोटापे की वजह से कई अन्य बीमारियां थी और प्रेग्नेंट महिलाएं हैं. इनकी मृत्यु दर अधिक है.
ट्रीटमेंट के नाम पर वहां भी ट्रेस एंड ट्रीटमेंट पॉलिसी है, जो दवाइयां वहां दी जा रही हैं वह मुख्यता एंटीपायरेटिक जो फीवर कम करने की दवाई है वो दी जा रही है या पेन किलर है. डॉ. राम एस उपाध्याय कहते हैं कि उनका मानना है कि पेन किलर की दवाई देने की कोई जरूरत नहीं है. चीन में कोरोना संक्रमित लोगों में फीवर, गले में दर्द, स्वाद की कमी, डायरिया और उल्टी की शिकायत है. वे बताते हैं कि चीन में हालात इसलिए बिगड़े क्योंकि सरकार ने वहां जीरो टोलरेंस पॉलिसी बना रखी थी. केस आने पर तुरंत लॉकडाउन. नतीजा रहा कि लोगों में नेचुरल इम्युनिटी नहीं बन पाई, जबकि भारत में कोविड से निपटने के लिए बेहद सफल रणनीति बनाई गई. वैक्सीन पर जोर दिया गया 90 फीसद लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. इसके अलावा लॉकडाउन को लंबे समय तक नहीं लगाया गया. इससे लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी आई और इससे वायरस कमजोर पड़ गया. उन्होंने कहा कि सतर्क रहने के साथ-साथ सप्लीमेंट डाइट जिसमें विटामिन डी, ए, ई, के, जिंक विटामिन सी तथा प्लांट डाइट लें. ताकि नेचुरल इम्युनिटी हमारे शरीर में बना रहे और हमारा बचाव हो.
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वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला, जिन्होंने कोविड-19 की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण किया है. उन्होंने भी ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा, कोविड केसों के बढ़ने की चीन से आ रही ख़बर चिंताजनक है, लेकिन हमें घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि हमारा वैक्सीनेशन कवरेज और ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है. हमें भारत सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय पर भरोसा बनाए रखना होगा और उनके द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन करते रहना होगा.
कोरोना को लेकर दिल्ली की वर्तमान स्थिति:
- वर्तमान संक्रमण दर - 0.26 फीसदी
- अस्पताल में भर्ती मरीज की संख्या - 3
- होम आइसोलेशन में संक्रमित मरीज - 21
- 20 दिसंबर तक कोरोना से संक्रमित हो चुके कुल लोगों की संख्या - 20,07,097
- 20 दिसंबर तक कोरोना से हुई मृत्यु - 26,519
- दिल्ली में अब तक हुए कुल टेस्ट की संख्या - 4.05 करोड़
- बचाव के लिए वैक्सीन की पहली डोज़ लेने वालों की संख्या - 1,82,89,998
- वैक्सीन की दूसरी डोज़ लेने वालों की संख्या - 1,57,03,660
- बूस्टर डोज़ ले चुके लोगों की संख्या - 33,52,269
नोट: ये सभी आंकड़े दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर आधारित हैं.
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