नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी में कमिश्नर वर्षा जोशी ने साल 2019 और 2020 के लिए निगम का बजट पेश कर दिया है.
इस बार के बजट में जो चीज सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली थी. वह यह कि कमिश्नर वर्षा जोशी ने बजट बनाने के दौरान सिर्फ और सिर्फ इस बात पर ध्यान दिया कि किस तरह से निगम का रेवेन्यू बढ़ाया जाए.
क्योंकि निगम की माली हालत काफी खराब है. इसलिए निगम के रेवेन्यू बढ़ाने पर काफी ज्यादा जोर दिया है और इसके लिए जो रास्ता चुना गया है वह टैक्स को बढ़ाने का यानी सीधे तौर पर जनता के ऊपर अब टैक्स का अतिरिक्त भार डालकर निगम की माली हालत को ठीक किया जाएगा.
'निगम की परेशानी का कारण केजरीवाल सरकार'
वर्षा जोशी ने बजट पेश करने के दौरान निगम की इस परेशानी का जिक्र किया और इसके लिए सीधे तौर पर केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वर्षा जोशी ने बजट की घोषणा करते वक्त निगम द्वारा किए गए गत सालों के कार्यों के बारे में भी बताया और कहा कि निगम जनता की सेवा के लिए तत्पर है और यह उसके काम से स्पष्ट तौर पर दिखता भी है.
'विपक्ष ने बजट को फेल बताया'
ईटीवी भारत की टीम ने जब बजट के ऊपर बीजेपी के नेता जयप्रकाश से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बार का बजट काफी संतुलित बजट है और उन्होंने इस बजट को पास करार दिया.
वहीं मुकेश गोयल ने बजट के अंदर टैक्स बढ़ाने की बात का सरासर विरोध करते हुए इसे फेल करार दे दिया. साथ ही विपक्ष के नेता सुरजीत सिंह पवार जो आम आदमी पार्टी के भी नेता हैं, उन्होंने इस बजट को रद्दी करार दिया, और कहा कि इस बजट को रद्दी की टोकरी में डाल देना चाहिए क्योंकि इस बजट में जनता के लिए कुछ नहीं है.
बजट में निगम का रेवेन्यू बढ़ाने पर जोर
बता दें कि इस बजट के अंदर इस बात पर जोर दिया गया कि किस तरह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के रेवेन्यू को बढ़ाया जाए. क्योंकि पिछले काफी लंबे समय से निगम फंड की भारी किल्लत से गुजर रहा है. जिसकी वजह से निगम के काफी सारे प्रोजेक्ट्स ना सिर्फ अधर में लटके हुए हैं. बल्कि उन्हें अमलीजामा पहचानने में भी निगम को काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.