नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हर दिन आने वाले कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. आज यह आंकड़ा 4 हजार से भी नीचे आ गया है, वहीं संक्रमण दर 6 फीसदी से नीचे पहुंच गई है. लेकिन तीसरी लहर की आशंका सिर उठाती दिख रही है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार अभी से अपनी तैयारियां दुरुस्त करने में जुट गई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके मद्देनजर दिल्ली सचिवालय में आज एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. सीएम ने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो उससे लड़ने के लिए हमें पहले से ही तैयार रहना होगा.
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'पड़ सकती है 40 हजार बेड्स की जरूरत'
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सीएम ने इस बैठक में कहा कि तीसरी लहर का बच्चों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को देखते हुए हमें बहुत सी तैयारियां करनी होगी. इसके लिए अस्पतालों में बेड्स का प्रबंधन महत्वपूर्ण है. बैठक में अधिकारियों ने एक अनुमानित आकलन के अनुसार बताया कि तीसरी लहर के दौरान करीब 40 हजार बेड्स की जरूरत पड़ सकती है और इनमें से करीब 10 हजार आईसीयू बेड्स होने चाहिए.
टास्क फोर्स में होंगे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इस टास्क फोर्स में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. बच्चों पर कोरोना का क्या असर होगा, उसे कैसे कम किया जा सकेगा और उससे बच्चों को कैसे बचाया जा सकेगा, इस पहलुओं पर टास्क फोर्स काम करेगी और उचित निर्णय लेगी. बैठक में ऑक्सीजन और दवाओं के प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा हुई.
'निगरानी के लिए बने अधिकारियों की कमेटी'
इस समीक्षा बैठक में यह तय हुआ कि ऑक्सीजन और दवाओं का पहले से ही प्रबंध करना होगा. ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा. इस बात पर बल दिया गया कि किसी भी हालत में ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए. सीएम ने कहा कि कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं, ताकि जरूरतमंद लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके. इसपर निगरानी के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाने का भी आदेश दिया गया.
'सुनिश्चित हो ऑक्सीजन भंडारण की व्यवस्था'
बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली सरकार पहले से ही ऑक्सीजन के टैंकर खरीद कर रखेगी और बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जाएंगे, ताकि अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने में कोई समस्या न आए. सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि विभिन्न अस्पतालों में जो ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनको भी समय पर पूरा किया जाए और ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, ताकि अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो उस दौरान भगदड़ की स्थिति न पैदा हो.