नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इसमें सीएम ने जल बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि दिल्ली के लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसलिए जल बोर्ड के अधिकारी युद्ध स्तर पर काम करें. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी घर में गंदे पानी की समस्या ना आए.
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड को आगामी 15 दिन के अंदर जल उपचार संयंत्र डब्ल्यूटीपी और भूमिगत जलाशयों, यूजीआर पर स्थापित सभी मीटर की मरम्मत करने का भी निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पानी के उत्पादन और आपूर्ति की निगरानी करने का निर्णय लिया. उन्होंने विभाग को रोजाना रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया. बैठक में सीएम ने आरओ वाटर प्रोजेक्ट में अनावश्यक देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई.
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कहा कि यदि तय समय सीमा के अंदर प्रोजेक्ट के काम को पूरा नहीं कर सकते तो अपना इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली को दूषित या गंदा पानी से मुक्ति दिलाएं, ताकि लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराया जा सके. सीएम केजरीवाल ने जल बोर्ड को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जल उपचार संयंत्र और प्राइमरी यूजीआर पर लगाए गए सभी फ्लोमीटर्स 15 दिनों के भीतर चालू कर दिए जाएं, क्योंकि कुछ जगहों पर पुराने मीटर होने से वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने सभी सेकेंडरी यूजीआर पर फ्लो मीटर लगाने के लिए 30 मई तक की डेडलाइन तय की है.
मुख्यमंत्री ने आरओ प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की. इस योजना के तहत दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से पानी की गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए पूरी दिल्ली में 450 स्थानों पर औद्योगिक गुणवत्ता वाले आरओ सिस्टम लगाया जाएगा. पिछले टेंडर के असफल होने की जानकारी मिलने पर सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि विभाग नए टेंडर में देरी क्यों कर रहा है. सीएम ने कहा कि अधिकारियों की ओर से इस तरह की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं है. बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, डीजेबी के वीसी सोमनाथ भारती, सीईओ और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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