नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को जनकपुरी में डॉ बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का शुभारंभ किया. इस मौके पर उनके साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सीएम केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि आज इस स्कूल में आकर बहुत बहुत अच्छा लग रहा है.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भारत के इतिहास में इतना शानदार सरकारी स्कूल शायद ही किसी राज्य में बनाया गया हो. शायद 75 साल में पहली बार इतना शानदार स्कूल बनाया गया है. दिल्ली में जिस तरह से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है, वह पूरे देश के लिए एक बेंचमार्क बन गया है. देश में धीरे-धीरे यह हवा बहने लगी कि सरकारी स्कूल तो सरकार चला ही नहीं सकती, इसलिए सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों को दे दिया जाए. जब दिल्ली में हमारी सरकार बनी तब भी यही हवा थी. हमारी सरकार ने इस हवा को गलत साबित किया है. सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भगवान ने किसी न किसी बच्चे को कुछ टैलेंट दिया होता है, हमने उसी तर्ज पर डॉ बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत की है, जहां बच्चों के पंख को उड़ान मिल सके. उन्होंने कहा कि हर बच्चे में कुछ कुछ प्रतिभा होती है. किसी को खेल में रुचि होती है, किसी को गाने में, सभी प्रतिभा को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर डॉ बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल बनाए जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि इन स्कूलों से पढ़कर बच्चे देश के भविष्य निर्माण में अपना सहयोग दें.
दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) से संबद्ध 36 डॉ बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में दाखिला के लिए दिल्ली के छात्र ही आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही एड्रेस प्रूफ चाहिए. 50 फीसदी सीट सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए रिजर्व है. वहीं बाकी 50 फीसदी अन्य स्कूलों के छात्रों के लिए रखा गया है. आवेदन करने के बाद एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाएगा. एप्टीट्यूड टेस्ट के बाद फिजिकल इंटरव्यू के माध्यम से सभी स्कूलों में कक्षा 9 में प्रवेश दिया जाएगा.
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