नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से चाइनीज मांझा बैन होने के बावजूद भी दिल्ली में धड़ल्ले से बिक रहा है. चाइनीज मांझे में उलझकर पक्षियों की भी मौत हो रही है. इस पूरे मामले को लेकर रोहिणी में रहने वाले सीनियर एडवोकेट ऋषिपाल सिंह ने दिल्ली न्यायालय में चाइनीज मांझे को लेकर याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने बैन किया है चाइनीज मांझा
देश में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बच्चे पतंग उड़ाकर खुशियां मनाते हैं और इन खुशियों में जाने-अनजाने कई घरों के चिराग भी बुझ जाते हैं. वजह है दिल्ली में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से बैन किया हुआ है. यह मांझा बेहद ही खतरनाक है. अभी हाल ही में रोहिणी और पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास समेत दिल्ली के कई इलाकों में चाइनीज मांझे कई लोगों की जान ले ली.
कई लोगों की हुई है मौत
25 अगस्त को खजूरी खास इलााके में एक 4 साल की इशिका अपने पिता के साथ बाइक पर बैठकर जा रही थी तभी चाइनीस मांझा उसकी गर्दन को काटते हुए निकल गया और बच्ची को तुरंत ही जग प्रवेश अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई. इससे पहले रोहिणी के बुध विहार इलाके में 22 साल के इंजीनियर की भी चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से मौत हो गई. दिल्ली में ऐसी कितनी ही घटनाएं हुई लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
चाइनीज मांझा बेचने वालों पर हो कार्रवाई
इस पूरे मामले को लेकर ऋषिपाल सिंह दिल्ली न्यायालय की शरण में गए. जहां न्यायालय ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कई सवाल उठाए हैं. वकील ने भी चोरी से चाइनीज मांझा बेचने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की गुजारिश की है.
ऋषिपाल सिंह का कहना है कि जिस तरह से दीवाली के दौरान एनजीटी और सरकार पूरी तरह से सख्त हो जाती है और पटाखे बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं. तो स्वतंत्रता दिवस के दौरान चाइनीस मांझा बेचने वालों पर इस तरह की कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. मांझा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस को धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए.