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स्पेशलः लॉकडाउन का हो रहा फायदा, बच्चों को दिए जा रहे हैं अच्छे संस्कार

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Published : Apr 1, 2020, 6:30 PM IST

लॉकडाउन के बारे में लोगों का कहना है कि इसे नेगेटिव नहीं बल्कि पॉजिटिव लेना चाहिए. लोगों का कहना है कि इस व्यवस्था से कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव भी होगा और बच्चों में अच्छी आदतें भी आ सकेंगी.

hildren are participating in Bhajan Kirtan with family after lockdown
चंदन विहार भजन कीर्तन

नई दिल्लीः पूरे भारत में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बाद लोगों का घर से निकलना बंद है. ऐसे में बुराड़ी इलाके के चंदन विहार में कुछ परिवार अपने बच्चों के साथ भजन कीर्तन करके टाइम पास कर रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन बच्चों को साथ लेकर कीर्तन करने से टाइम पास तो हो ही रहा है, साथ ही साथ बच्चों में अच्छे संस्कार भी आ रहे हैं.

लॉकडाउन का बच्चों को हो रहा फायदा

लोगों का कहना है कि लॉकडाउन को नेगेटिव नहीं बल्कि पॉजिटिव लेना चाहिए. जिससे कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव भी होगा और इसी बहाने छोटे बच्चों में अच्छी आदतें भी आ सकेंगी. दिल्ली में कई जगहों पर लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें देखने को मिली जो दूसरे लोगों के लिए भी ठीक हो सकती है.

वहीं बच्चे भी भजन-कीर्तन का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि अब कोई बच्चा घर से निकल नहीं रहा है. बुराड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन को नेगेटिव लेने की बजाय पॉजिटिव वे में लेना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों को परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा रहने का समय मिल रहा है.

अब बच्चे खेलकूद में बाहर जाने की बजाय घर के अंदर हैं. साथ ही बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ भी हैं. लोगों का कहना है कि अब बच्चे संस्कारी बन रहे हैं, बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है. वहीं बच्चों यह समय आम दिनों में नहीं मिल पाता था, क्योंकि आधुनिक समय में बच्चे भजन-कीर्तन में कम भाग लेते थे.

नई दिल्लीः पूरे भारत में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के बाद लोगों का घर से निकलना बंद है. ऐसे में बुराड़ी इलाके के चंदन विहार में कुछ परिवार अपने बच्चों के साथ भजन कीर्तन करके टाइम पास कर रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन बच्चों को साथ लेकर कीर्तन करने से टाइम पास तो हो ही रहा है, साथ ही साथ बच्चों में अच्छे संस्कार भी आ रहे हैं.

लॉकडाउन का बच्चों को हो रहा फायदा

लोगों का कहना है कि लॉकडाउन को नेगेटिव नहीं बल्कि पॉजिटिव लेना चाहिए. जिससे कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव भी होगा और इसी बहाने छोटे बच्चों में अच्छी आदतें भी आ सकेंगी. दिल्ली में कई जगहों पर लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें देखने को मिली जो दूसरे लोगों के लिए भी ठीक हो सकती है.

वहीं बच्चे भी भजन-कीर्तन का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि अब कोई बच्चा घर से निकल नहीं रहा है. बुराड़ी इलाके के लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन को नेगेटिव लेने की बजाय पॉजिटिव वे में लेना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों को परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा रहने का समय मिल रहा है.

अब बच्चे खेलकूद में बाहर जाने की बजाय घर के अंदर हैं. साथ ही बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ भी हैं. लोगों का कहना है कि अब बच्चे संस्कारी बन रहे हैं, बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है. वहीं बच्चों यह समय आम दिनों में नहीं मिल पाता था, क्योंकि आधुनिक समय में बच्चे भजन-कीर्तन में कम भाग लेते थे.

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