नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 जून को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) की दूसरी बैठक बुलाई है. इसका मुख्य एजेंडा दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित है. केजरीवाल को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधी सेवा विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है.
प्रस्ताव में तीन अलग-अलग कैटेगरी के अनुरोध शामिल हैं. इन श्रेणियों में कुछ अफसरों के ट्रांसफर का अनुरोध करने वाले विभाग हैं, तो कुछ विभागों में पद खाली हैं और उन पदों पर नई तैनाती की मांग की गई है. इसके अलावा, इसमें कुछ निजी तौर पर अफसरों के ट्रांसफर- पोस्टिंग की मांग को लेकर किए गए अनुरोध शामिल हैं.
CM को मिली है शिकायतः इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कई अफसरों से यह शिकायत मिली है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के अनुरोधों पर सर्विस विभाग चुनिंदा और मनमाने ढंग से कार्रवाई कर रहा है. कुछ अधिकारियों ने बताया है कि उनके ट्रांसफर का अनुरोध काफी लंबे समय से लंबित है और सर्विस विभाग की ओर से कोई रिस्पॉस भी नहीं दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने परदर्शिता को ध्यान में रखते हुए एनसीसीएसए के सदस्य सचिव एवं मुख्य सचिव को उपरोक्त तीनों कटेगरी के तहत आए सभी अनुरोधों को संकलित करने और दोबारा पेश करने का निर्देश देते हुए फाइल को वापस भेज दी है. साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि पिछले छह महीनों में सर्विस विभाग को प्राप्त ऐसे अनुरोध जो लंबित हैं या फिर अस्वीकार कर दिए गए हैं, उन्हें 21 जून को शाम 5 बजे तक मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए. कार्यस्थल पर पारदर्शिता और जवाबदेही तय करते हुए सीएम ने यह भी आदेश दिया है कि सभी लंबित और अस्वीकृत अनुरोधों का कारण भी स्पष्ट रूप से पेश किया जाए.
28 जून की सुबह 11 बजे होगी मीटिंगः 28 जून सुबह 11 बजे सीएम कैंप कार्यालय में बैठक होगी. इसमें दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर चर्चा की जाएगी. मुख्यमंत्री का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक तंत्र की कुशलता और प्रभावशीलता को बढ़ाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित और तेज करना है. एनसीसीएसए की बैठक का मुद्दा तब सुर्खियों में आया, जब एनसीसीएसए को दरकिनार कर इसकी शक्तियां दिल्ली के एलजी और मुख्य सचिव के हाथों में सौंप दी गईं.
कुछ हफ्ते पहले एनसीसीएसए के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव आया था. इस मसले पर जब मुख्यमंत्री ने कुछ जानकारी मांगी तो मुख्य सचिव ने सीएम और एनसीसीएसए को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया.
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