नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में दो लोगों के साथ साइबर ठगी हुई. पहली ठगी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो डिलीट करने के नाम पर जलसाजों ने लाखों रुपए ले लिए. वहीं, दूसरी ठगी किराए पर कमरा देने के नाम पर हुई. दोनों ही मामलों में पीड़ितों द्वारा संबंधित थाना पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं पुलिस मामले की जांच करने की बात कह रही है.
पुलिस अधिकारी बनकर जालसाजों ने धमकाया: सोशल मीडिया से आपत्तिजनक वीडियो डिलीट कराने के नाम पर साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति के साथ 14 लाख 91 हजार 700 रुपये की ठगी कर ली. सात बार में खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई. आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर और वारंट जारी करने का भय दिखाकर इस घटना को अंजाम दिया.
साइबर क्राइम थाने में दी गई शिकायत में ग्रेटर नोएडा के पंचशील ग्रीन दो निवासी ने बताया कि 25 जनवरी 2023 को उनके वाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आया था. इसके बाद शाम को मोबाइल नंबर पर कॉल आया. कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि पीड़ित का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर वायरल होने जा रहा है. यह वीडियो एक युवती द्वारा उपलब्ध कराया गया है. आरोपियों ने पीड़ित को इस मामले में वारंट जारी होने का भय दिखाया और जेल जाने और जुर्माना भरने की धमकी दी. इसके बाद जालसाजों ने पीड़ित को सांत्वना देते हुए हेमंत मल्होत्रा नामक व्यक्ति का नंबर दिया.
उसने कहा कि यह व्यक्ति उनकी वीडियो को यूट्यूब समेत सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म से डिलीट करा देगा. इसके बाद हेमंत मल्होत्रा नामक व्यक्ति ने वीडियो डिलीट कराने के नाम पर सात बार में विभिन्न बैंक खातों में 14,91,700 रुपये ट्रांसफर करा लिए. इसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत बिसरख थाने में दी. इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की. मेवात गिरोह द्वारा ठगी की घटना को अंजाम देने की बात कही जा रही है. साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि अज्ञात जालसाजों के खिलाफ आइटी एक्ट और धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
मकान तो मिला नहीं, 30 हजार भी गए: सोशल साइट पर किराये का मकान तलाश रहे व्यक्ति के साथ 30 हजार 500 रुपये की ठगी हो गई. पीड़ित की शिकायत पर सेक्टर-24 थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. सेक्टर-34 स्थित उदयगिरी अपार्टमेंट निवासी अरुणांगशु घोष ने शिकायत में बताया कि वह अपने लिए किराये का मकान तलाश रहे थे. इस दौरान उन्होंने रियल स्टेट की एक वेबसाइट पर सर्च किया. साइट पर आशुतोष शुक्ला ने अपने मकान को किराए पर देने के लिए विज्ञापन दिया हुआ था. विज्ञापन पर दिए गए नंबर पर उसने कॉल कर मकान किराए पर लेने की बात कही.
आशुतोष शुक्ला ने बताया कि उसे गेट पास के रूप में 1000 रुपए का भुगतान करना होगा. मकान देखने के बाद यह धनराशि उसे वापस कर दी जाएगी. ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के बाद आरोपी ने बताया कि किराए से संबंधित सारी बातें उनका मैनेजर ओम प्रकाश करेगा. कुछ देर बाद उन्हें ओमप्रकाश ने फोन कर बताया कि नई प्रणाली लागू होने के कारण उसे जीएसटी के लिए 6000 रुपए ट्रांसफर करने होंगे जो कुछ समय बाद उसे वापस कर दिए जाएंगे. पीड़ित के मुताबिक, उसने 6000 रूपए ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद उसने बताया कि उसे दो ट्रांजैक्शन में पैसे ट्रांसफर करने थे. ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी होने के कारण सिस्टम रिफंडेबल अमाउंट ट्रांसफर नहीं कर पा रहा है. इस दौरान जालसाज ने रकम ट्रांसफर करा ली और नंबर बंद कर दिया.
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