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बॉयज लॉकर रूम मामले पर कार्रवाई करने की मांग, केंद्र को पक्ष रखने का अंतिम मौका मिला

बॉयज लॉकर रूम मामले को लेकर आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की तरफ से दाखिल की गई याचिका में इंस्टाग्राम पर कार्रवाई करने की मांग पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका मिला है.

Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jul 14, 2020, 9:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की बॉयज लॉकर रूम मामले में इंस्टाग्राम पर कार्रवाई करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को 4 हफ्ते के अंदर जवाब करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

बॉयज लॉकर रूम मामले पर कार्रवाई करने की मांग पर केंद्र को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका मिला
कुप्रभावों से स्कूली छात्रों को बचाने की जरुरत

इस मामले पर फेसबुक ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. कोर्ट ने गूगल और ट्विटर को निर्देश दिया कि वे भी 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करें. सुनवाई के दौरान गोविंदाचार्य की ओर से वकील विराग गुप्ता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई आज ही होनी चाहिए. तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले की मुख्य याचिका और आवेदन पर अलग-अलग सुनवाई नहीं हो सकती है.

नहीं हटाए जाते फर्जी अकाउंट

पिछले 19 मई को विराग गुप्ता ने कहा था कि इंस्टाग्राम ने सोशल मीडिया कंपनी ने उन आपत्तिजनक पोस्ट वाले कंटेंट और उन अकाउंट्स को नहीं हटाया है. इसके कुप्रभावों से स्कूली छात्रों को बचाने की जरुरत है. याचिका में कहा गया है कि फर्जी अकाउंट होने के बावजूद उन अकाउंट्स को इसलिए नहीं हटाया जाता है क्योंकि उससे उन्हें लाभ होता है.

सोशल मीडिया का विद्रूप चेहरा सामने आया

याचिका में कहा गया है कि BOYS LOCKER ROOM के मामले ने सोशल मीडिया का विद्रूप चेहरा सामने लाया है. इसके पीछे फर्जी अकाउंट्स का होना बड़ी वजह है. इन फर्जी अकाउंट्स को इसलिए नहीं हटाया जाता है क्योंकि इन अकाउंट्स के जरिए उन्हें विज्ञापन का लाभ मिलता है. इन फेक अकाउंट्स के जरिए बच्चों में गंदी मानसिकता भरी जा रही है.



फर्जी खबरों को हटाने की मांग

बता दें कि पिछले मार्च महीने में लॉकडाउन के पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने गोविंदाचार्य की हेट स्पीच को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका में फर्जी खबरों को हटाने की मांग की गई है. याचिका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर पर नफरत फैलाने वाले भाषण को हटाने की मांग की गई है. याचिका में हेट स्पीच देने वाले नेताओं की संपत्ति जब्त करने की भी मांग की गई है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की बॉयज लॉकर रूम मामले में इंस्टाग्राम पर कार्रवाई करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है. जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को 4 हफ्ते के अंदर जवाब करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

बॉयज लॉकर रूम मामले पर कार्रवाई करने की मांग पर केंद्र को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका मिला
कुप्रभावों से स्कूली छात्रों को बचाने की जरुरत

इस मामले पर फेसबुक ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. कोर्ट ने गूगल और ट्विटर को निर्देश दिया कि वे भी 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करें. सुनवाई के दौरान गोविंदाचार्य की ओर से वकील विराग गुप्ता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई आज ही होनी चाहिए. तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले की मुख्य याचिका और आवेदन पर अलग-अलग सुनवाई नहीं हो सकती है.

नहीं हटाए जाते फर्जी अकाउंट

पिछले 19 मई को विराग गुप्ता ने कहा था कि इंस्टाग्राम ने सोशल मीडिया कंपनी ने उन आपत्तिजनक पोस्ट वाले कंटेंट और उन अकाउंट्स को नहीं हटाया है. इसके कुप्रभावों से स्कूली छात्रों को बचाने की जरुरत है. याचिका में कहा गया है कि फर्जी अकाउंट होने के बावजूद उन अकाउंट्स को इसलिए नहीं हटाया जाता है क्योंकि उससे उन्हें लाभ होता है.

सोशल मीडिया का विद्रूप चेहरा सामने आया

याचिका में कहा गया है कि BOYS LOCKER ROOM के मामले ने सोशल मीडिया का विद्रूप चेहरा सामने लाया है. इसके पीछे फर्जी अकाउंट्स का होना बड़ी वजह है. इन फर्जी अकाउंट्स को इसलिए नहीं हटाया जाता है क्योंकि इन अकाउंट्स के जरिए उन्हें विज्ञापन का लाभ मिलता है. इन फेक अकाउंट्स के जरिए बच्चों में गंदी मानसिकता भरी जा रही है.



फर्जी खबरों को हटाने की मांग

बता दें कि पिछले मार्च महीने में लॉकडाउन के पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने गोविंदाचार्य की हेट स्पीच को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका में फर्जी खबरों को हटाने की मांग की गई है. याचिका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर पर नफरत फैलाने वाले भाषण को हटाने की मांग की गई है. याचिका में हेट स्पीच देने वाले नेताओं की संपत्ति जब्त करने की भी मांग की गई है.

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