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CBSE: सात सदस्यीय समिति तैयार करेगी रिजल्ट, परीक्षा परिणाम देना होगी चुनौती

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Published : May 9, 2021, 12:27 AM IST

सीबीएसई ने दसवीं की परीक्षा परिणाम को लेकर मार्क्स पॉलिसी जारी कर दी है. इस दिशा निर्देश के तहत परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए एक रिजल्ट कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी में प्रिंसिपल सहित सात शिक्षक होंगे, जो रिजल्ट फाइनल करेंगे.

cbse seven member committee will prepare10th result
सीबीएसई 10वीं परीक्षा परिणाम

नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं की परीक्षा परिणाम को लेकर मार्क्स पॉलिसी जारी कर दी है. इसमें जारी दिशा निर्देश के तहत परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए एक रिजल्ट कमेटी का गठन किया जाएगा. इस रिजल्ट कमेटी में प्रिंसिपल सहित सात शिक्षक होंगे जो रिजल्ट फाइनल करेंगे. वहीं यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह पूरी तरह से रिजल्ट कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वह सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष परीक्षा परिणाम तैयार करें, जिसमें किसी भी छात्र के साथ किसी तरह की नाइंसाफी ना हो.

यह भी पढ़ेंः-'CBSE Dost for Life' एप से छात्रों की होगी काउंसिलिंग

सात सदस्यीय समिति करेगी परीक्षा परिणाम तैयार

वहीं सीबीएसई द्वारा जारी दिशा निर्देशों में इस समिति के गठन को लेकर कुछ नियम भी बताए गए हैं. नियम के तहत इस कमेटी की अध्यक्षता स्कूल का प्रिंसिपल करेगा. वहीं 7 शिक्षकों में से 5 शिक्षक उसी स्कूल के होंगे जिन्हें अपने अकादमिक विषयों की पूरी जानकारी होगी. गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और 2 भाषाओं के शिक्षक इसमें शामिल होंगे. इसके अलावा 2 शिक्षक पड़ोस के स्कूल से को-ऑप्ट किए जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः-सीबीएसई ने दसवीं क्लास की मार्किंग स्कीम की जारी, 20 जून को जारी होगा परीक्षा परिणाम

वहीं को-ऑप्ट किए गए शिक्षकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि परीक्षा परिणाम बनाते समय वह पूरी तरह से नियमों को लेकर सख्त होने चाहिए. जिन शिक्षकों को को-ऑप्ट किया जाएगा, वह सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों में दसवीं के शिक्षक होने चाहिए. इसके अलावा दोनों स्कूलों के बीच शिक्षकों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक रहेगी. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि बाहर से बुलाए गए शिक्षक एक ही प्रबंधन समिति की नहीं होनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः-CBSE: 10वीं में बेसिक गणित से पढ़ने वाले छात्र भी 11वीं में कर सकेंगे मैथ्स की पढ़ाई

साथ ही कहा गया है कि बाहर से आने वाले शिक्षकों का स्कूल में पढ़ने वाले किसी भी छात्र से किसी भी तरह का संबंध नहीं होना चाहिए, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हो. साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा परिणाम तैयार करने वाले समिति के किसी भी शिक्षक का छात्र उस स्कूल में नहीं होना चाहिए. हालांकि सीबीएसई यदि चाहे तो खुद भी दो बाहरी सदस्य अप्वॉइंट कर सकती है.

परीक्षा समिति को मिली कई छूट

वहीं इस समिति के कार्यभार की बात करें, तो सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि समिति का मुख्य कार्य होगा सभी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों के हित में निष्पक्ष परीक्षा परिणाम तैयार करना. सीबीएसई ने समिति को कई तरह की छूट भी दी है. समिति चाहे तो दूसरी समिति के साथ कई विषयों पर चर्चा करके अपनी समस्या का समाधान ले सकती है. इसके अलावा रिजल्ट तैयार करने के लिए अपना खुद का शेड्यूल भी बना सकती है. वहीं अगर जरूरत हो तो अन्य विषयों के शिक्षकों से भी राय ली जा सकती है.

यह भी स्पष्ट किया गया है कि समिति अपनी सारी प्रक्रिया को पूरी तरह से गोपनीय रखेगी. वहीं कहा गया है समिति के अध्यक्ष यानि प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी कि वह डाटा अपलोडिंग को लेकर सभी जरूरी इंतजाम करें. इसके अलावा बाहर से आ रहे शिक्षक आम जनता के प्रतिनिधि के रूप में ही होंगे, जो वह सुनिश्चित करेंगे कि जो भी परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है वह पूरी तरह से निष्पक्ष हो और सभी छात्रों के हित में हो.

पक्षपात रहित रिजल्ट तैयार करना होगी चुनौती

वहीं सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह रिजल्ट समिति की ही जिम्मेदारी होगी कि वहां सही और पक्षपात किए बिना परीक्षा परिणाम जारी करे. साथ ही समिति को यह भी छूट दी गई है कि परिस्थिति को देखते हुए वह किसी भी तरह का निर्णय ले सकती है, जिसको लेकर उसके पास पूरी जवाबदेही होनी चाहिए.

बता दें कि दसवीं की परीक्षा कोरोना महामारी के चलते रद्द कर दी गई है जिसके बाद सीबीएसई ने परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. वहीं शिक्षकों को यह दिशा निर्देश बेहतर तरीके से समझ में आ सके इसको लेकर सीबीएसई वेबीनार भी आयोजित कर रहा है.

नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं की परीक्षा परिणाम को लेकर मार्क्स पॉलिसी जारी कर दी है. इसमें जारी दिशा निर्देश के तहत परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए एक रिजल्ट कमेटी का गठन किया जाएगा. इस रिजल्ट कमेटी में प्रिंसिपल सहित सात शिक्षक होंगे जो रिजल्ट फाइनल करेंगे. वहीं यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह पूरी तरह से रिजल्ट कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि वह सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष परीक्षा परिणाम तैयार करें, जिसमें किसी भी छात्र के साथ किसी तरह की नाइंसाफी ना हो.

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सात सदस्यीय समिति करेगी परीक्षा परिणाम तैयार

वहीं सीबीएसई द्वारा जारी दिशा निर्देशों में इस समिति के गठन को लेकर कुछ नियम भी बताए गए हैं. नियम के तहत इस कमेटी की अध्यक्षता स्कूल का प्रिंसिपल करेगा. वहीं 7 शिक्षकों में से 5 शिक्षक उसी स्कूल के होंगे जिन्हें अपने अकादमिक विषयों की पूरी जानकारी होगी. गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और 2 भाषाओं के शिक्षक इसमें शामिल होंगे. इसके अलावा 2 शिक्षक पड़ोस के स्कूल से को-ऑप्ट किए जाएंगे.

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वहीं को-ऑप्ट किए गए शिक्षकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि परीक्षा परिणाम बनाते समय वह पूरी तरह से नियमों को लेकर सख्त होने चाहिए. जिन शिक्षकों को को-ऑप्ट किया जाएगा, वह सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों में दसवीं के शिक्षक होने चाहिए. इसके अलावा दोनों स्कूलों के बीच शिक्षकों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक रहेगी. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि बाहर से बुलाए गए शिक्षक एक ही प्रबंधन समिति की नहीं होनी चाहिए.

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साथ ही कहा गया है कि बाहर से आने वाले शिक्षकों का स्कूल में पढ़ने वाले किसी भी छात्र से किसी भी तरह का संबंध नहीं होना चाहिए, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हो. साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा परिणाम तैयार करने वाले समिति के किसी भी शिक्षक का छात्र उस स्कूल में नहीं होना चाहिए. हालांकि सीबीएसई यदि चाहे तो खुद भी दो बाहरी सदस्य अप्वॉइंट कर सकती है.

परीक्षा समिति को मिली कई छूट

वहीं इस समिति के कार्यभार की बात करें, तो सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि समिति का मुख्य कार्य होगा सभी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों के हित में निष्पक्ष परीक्षा परिणाम तैयार करना. सीबीएसई ने समिति को कई तरह की छूट भी दी है. समिति चाहे तो दूसरी समिति के साथ कई विषयों पर चर्चा करके अपनी समस्या का समाधान ले सकती है. इसके अलावा रिजल्ट तैयार करने के लिए अपना खुद का शेड्यूल भी बना सकती है. वहीं अगर जरूरत हो तो अन्य विषयों के शिक्षकों से भी राय ली जा सकती है.

यह भी स्पष्ट किया गया है कि समिति अपनी सारी प्रक्रिया को पूरी तरह से गोपनीय रखेगी. वहीं कहा गया है समिति के अध्यक्ष यानि प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी कि वह डाटा अपलोडिंग को लेकर सभी जरूरी इंतजाम करें. इसके अलावा बाहर से आ रहे शिक्षक आम जनता के प्रतिनिधि के रूप में ही होंगे, जो वह सुनिश्चित करेंगे कि जो भी परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है वह पूरी तरह से निष्पक्ष हो और सभी छात्रों के हित में हो.

पक्षपात रहित रिजल्ट तैयार करना होगी चुनौती

वहीं सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यह रिजल्ट समिति की ही जिम्मेदारी होगी कि वहां सही और पक्षपात किए बिना परीक्षा परिणाम जारी करे. साथ ही समिति को यह भी छूट दी गई है कि परिस्थिति को देखते हुए वह किसी भी तरह का निर्णय ले सकती है, जिसको लेकर उसके पास पूरी जवाबदेही होनी चाहिए.

बता दें कि दसवीं की परीक्षा कोरोना महामारी के चलते रद्द कर दी गई है जिसके बाद सीबीएसई ने परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. वहीं शिक्षकों को यह दिशा निर्देश बेहतर तरीके से समझ में आ सके इसको लेकर सीबीएसई वेबीनार भी आयोजित कर रहा है.

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