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CBSE ने छात्रों के अभिभावकों के लिए जारी किए दिशा निर्देश

CBSE ने दाखिला लेने वाले सभी स्कूलों को दाखिले के दौरान जरूरी कुछ दस्तावेजों की सूची भी जारी कर दी है और यह हिदायत दी है कि 10वीं या12वीं के छात्रों का डायरेक्ट दाखिला लेते समय स्कूल इन सभी दस्तावेजों और कागजी कार्यवाही का पूरा पूरा ध्यान रखे. इतना ही नहीं छात्रों को इसके लिए पांच हजार रुपये तक का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.

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Published : Apr 9, 2019, 5:09 AM IST

Updated : Apr 9, 2019, 1:47 PM IST

CBSE ने छात्रों के अभिभावकों के लिए जारी किया दिशानिर्देश

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों को स्कूल ना बदलने की सलाह दी है. सीबीएसई का कहना है कि10वीं और12वीं क्लास में बोर्ड परीक्षा देने का समय होता है, ऐसे में स्कूल बदलने से छात्रों के शैक्षणिक वातावरण पर असर पड़ता है.

CBSE ने छात्रों के अभिभावकों के लिए जारी किया दिशानिर्देश

बताई 8 परिस्थितियां
सीबीएसई ने ऐसे 8 परिस्थितियां निर्धारित की हैं, जिसके चलते10वीं और12वीं के छात्रों को स्कूल बदलना पड़ता है. साथ ही दाखिला लेने वाले सभी स्कूलों को दाखिले के दौरान जरूरी कुछ दस्तावेजों की सूची भी जारी कर दी है और यह हिदायत दी है कि 10वीं या12वीं के छात्रों का डायरेक्ट दाखिला लेते समय स्कूल इन सभी दस्तावेजों और कागजी कार्यवाही का पूरा पूरा ध्यान रखे. इतना ही नहीं छात्रों को इसके लिए पांच हजार रुपये तक का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.

वहीं सीबीएसई का मानना है के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि 10वीं या 12वीं में स्कूल बदलने से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उसका मानसिक स्तर पर भी काफी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि नए स्कूल में नए माहौल में ढलने और नई चीजों को सीखने में छात्र को समय लग जाता है जिससे उसके रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ता है.

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों को स्कूल ना बदलने की सलाह दी है. सीबीएसई का कहना है कि10वीं और12वीं क्लास में बोर्ड परीक्षा देने का समय होता है, ऐसे में स्कूल बदलने से छात्रों के शैक्षणिक वातावरण पर असर पड़ता है.

CBSE ने छात्रों के अभिभावकों के लिए जारी किया दिशानिर्देश

बताई 8 परिस्थितियां
सीबीएसई ने ऐसे 8 परिस्थितियां निर्धारित की हैं, जिसके चलते10वीं और12वीं के छात्रों को स्कूल बदलना पड़ता है. साथ ही दाखिला लेने वाले सभी स्कूलों को दाखिले के दौरान जरूरी कुछ दस्तावेजों की सूची भी जारी कर दी है और यह हिदायत दी है कि 10वीं या12वीं के छात्रों का डायरेक्ट दाखिला लेते समय स्कूल इन सभी दस्तावेजों और कागजी कार्यवाही का पूरा पूरा ध्यान रखे. इतना ही नहीं छात्रों को इसके लिए पांच हजार रुपये तक का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.

वहीं सीबीएसई का मानना है के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि 10वीं या 12वीं में स्कूल बदलने से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उसका मानसिक स्तर पर भी काफी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि नए स्कूल में नए माहौल में ढलने और नई चीजों को सीखने में छात्र को समय लग जाता है जिससे उसके रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ता है.

Intro:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) ने 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों को स्कूल ना बदलने की सलाह दी है. सीबीएसई का कहना है कि 10वीं और 12वीं क्लास में बोर्ड परीक्षा देने का समय होता है ऐसे में स्कूल बदलने से छात्रों के शैक्षणिक वातावरण पर असर पड़ता है. साथ ही सीबीएसई ने ऐसे 8 परिस्थितियां निर्धारित की हैं जिसके चलते 10वीं और 12वीं के छात्रों को स्कूल बदलना पड़ता है साथ ही दाखिला लेने वाले सभी स्कूलों को दाखिले के दौरान जरूरी कुछ दस्तावेजों की सूची भी जारी कर दी है और यह हिदायत दी है कि 10वीं या 12वीं के छात्रों का डायरेक्ट दाखिला लेते समय स्कूल इन सभी दस्तावेजों और कागजी कार्यवाही का पूरा पूरा ध्यान रखें इतना ही नहीं छात्रों को इसके लिए पांच हजार रुपए तक का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.




Body: सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों से अनुरोध किया है कि बोर्ड की क्लास के दौरान वहां बच्चों का स्कूल ना बदलाव आए यदि ऐसी कोई समस्या भविष्य में होने की संभावना हो तो 9वीं और 11वीं क्लास में ही स्कूल बदलें जिससे बोर्ड की परीक्षा देते समय बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसको लेकर सीबीएसई ने दिशानिर्देश जारी किया है. वहीं सीबीएसई कुछ ऐसी परिस्थितियां भी बताई है जिसके चलते मजबूर होकर छात्रों को स्कूल बदलना पड़ सकता है साथ ही हर परिस्थिति के साथ कुछ औपचारिकताएं भी तय कर दी गई है जिसे पूरा करने के बाद ही छात्र किसी अन्य स्कूल में सीधा दाखिला ले सकेंगे. वहीं सीबीएसई का मानना है के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि 10वीं या 12वीं में स्कूल बदलने से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उसका मानसिक स्तर पर भी काफी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि नए स्कूल में नए माहौल में ढलने और नई चीजों को सीखने में छात्र को समय लग जाता है जिससे उसके रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ता है.




Conclusion:
Last Updated : Apr 9, 2019, 1:47 PM IST
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