नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों को स्कूल ना बदलने की सलाह दी है. सीबीएसई का कहना है कि10वीं और12वीं क्लास में बोर्ड परीक्षा देने का समय होता है, ऐसे में स्कूल बदलने से छात्रों के शैक्षणिक वातावरण पर असर पड़ता है.
बताई 8 परिस्थितियां
सीबीएसई ने ऐसे 8 परिस्थितियां निर्धारित की हैं, जिसके चलते10वीं और12वीं के छात्रों को स्कूल बदलना पड़ता है. साथ ही दाखिला लेने वाले सभी स्कूलों को दाखिले के दौरान जरूरी कुछ दस्तावेजों की सूची भी जारी कर दी है और यह हिदायत दी है कि 10वीं या12वीं के छात्रों का डायरेक्ट दाखिला लेते समय स्कूल इन सभी दस्तावेजों और कागजी कार्यवाही का पूरा पूरा ध्यान रखे. इतना ही नहीं छात्रों को इसके लिए पांच हजार रुपये तक का शुल्क भी चुकाना पड़ेगा.
वहीं सीबीएसई का मानना है के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि 10वीं या 12वीं में स्कूल बदलने से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ उसका मानसिक स्तर पर भी काफी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि नए स्कूल में नए माहौल में ढलने और नई चीजों को सीखने में छात्र को समय लग जाता है जिससे उसके रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ता है.