नई दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में लंबी पूछताछ और जांच के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार रात गिरफ्तार कर लिया है. सिसोदिया को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7, साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 B यानी कि षड्यंत्र में भागीदार होने की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है. वहीं सीबीआई मनीष सिसोदिया को सोमवार को राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में पेश करेगी. हालांकि उनकी तबीयत ठीक न होने की वजह से उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जा सकता है.
इन धाराओं में हो सकती है 7 साल तक की सजा: अधिवक्ता अदिति दराल ने बताया कि सबसे पहला आरोप पेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 है, जिसमें किसी लोक सेवक पर अपने बताई गई आय से हटकर अन्य तरीकों से आय अर्जित करने के प्रयास का आरोप शामिल है. इस आरोप में आरोपी पर अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है. वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 477 के अंतर्गत साक्ष्यों को मिटाने या उन्हें जांच एजेंसी को भ्रमित करने का आरोप है, जिसमें अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा आरोपी को दी जा सकती हैं. वहीं आपराधिक षड्यंत्र रचने और उस में सहभागी होने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 120b को शामिल की गई है, इस आरोप में अधिकतम 2 वर्ष तक की सजा दी जा सकती है.
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गौरतलब है कि सीबीआई ने दिल्ली एलजी की शिकायत पर अगस्त 2022 में नई आबकारी नीति में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 14 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े विजय नायर के साथ अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लई, समीर महेंद्रू, मूथा गौतम, नरेंद्र सिंह और कुलदीप सिंह के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया था. हालांकि आरोपपत्र दायर होने से पहले केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने विजय और अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया था. इन दोनों पर सीबीआई (CBI) ने आपराधिक साजिश रच कर नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया था.
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