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15 नवंबर से कैट का व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान, सात करोड़ व्यापारी इस अभियान से जुड़ेंगे - कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) के द्वारा 15 नवंबर से पूरे देश में व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान को शुरू किया जा रहा है. इसका मकसद देश भर के व्यापारियों के बीच डिजिटल ट्रांजैक्शंस को लेकर जागरुकता फैलाना और प्रोत्साहित करना है.

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Published : Nov 14, 2022, 5:41 PM IST

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) के द्वारा 15 नवंबर से पूरे देश में व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान को शुरू किया जा रहा है. इस अभियान के माध्यम से न सिर्फ कैट देश भर में व्यापारियों को डिजिटलीकरण व्यापार के प्रति जागरूक करेगा बल्कि व्यापार को डिजिटलीकरण करने पर भी दिया जाएगा. इसके साथ ही व्यापारियों को यह भी बताया जाएगा कि किस तरह से आसानी से डिजिटल माध्यम से व्यापार कर सकते हैं और यह सरल और सुरक्षित भी है.

वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के बाद से पूरे देश समेत राजधानी दिल्ली में भयावह मंदी का दौर देखा जा रहा है. कोरोना के दो साल के बाद भी पूरी तरीके से देश मंदी के दौर से नहीं भर पाया है. इस बीच देश की सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने आज जानकारी देते हुए बताया कि 15 नवंबर से कैट पूरे देश में व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत करने जा रहा है. आने वाले समय में यही डिजिटल करेंसी देश भर में व्यापार का स्वरूप भी बदलेगी और चेक बुक भी बंद होंगी.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि बीते दिनों हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई भारत की अपनी डिजिटल करेंसी केंद्र सरकार के इस मज़बूत इरादे को बेहद स्पष्ट करती है जिससे देश में डिजिटलीकरण को शहर शहर और गाँव गाँव तक पहुँचाया जायेगा और निकट भविष्य में देश भर में अधिकांश व्यापार अब डिजिटल उपकरणों के ज़रिए ही चलेगा.डिजिटीकरण की ओर विशेष ध्यान देते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों के बीच “ व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान “ शुरू करने का निर्णय लिया है और यह अभियान आगामी 15 नवम्बर से देश के सभी राज्यों और राजधानी से शुरू होगा.

प्रवीण खंडेलवाल ने आगे बताया कि डिजिटल करेंसी के आ जाने के बाद ऐसा लगता है कि शायद चेक बुक की अब जरूरत ही नहीं रहेगी. व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत देश भर के व्यापारिक बाजारों में स्थानीय ट्रेड एसोसिएशनों के सहयोग से मार्केटों में कैम्प लगाकर अथवा दुकान दुकान जाकर अथवा ऑनलाइन मीटिंग, वर्कशॉप एवं सेमिनार आयोजित कर व्यापारियों को जागरुक किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि बदलते व्यापारिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए वो अपने व्यापार के वर्तमान स्वरूप को बदलकर डिजिटल उपकरण जैसे नकद के बजाय डिजिटल तरीके् से भुगतान, ई-कॉमर्स पर अपनी दुकान, बिल आदि बनाने तथा व्यापारिक पत्र व्यवहार करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग आदि क्यों जरूरी हो गया है. व्यापारी डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत 15 नवम्बर को दिल्ली की करोल बाग मार्केट से शुरू होगा. पूरे देश भर में पहले चरण के दौरान लगभग 7 करोड़ व्यापारी कैट के इस अभियान से जुड़ेंगे.

ये भी पढ़ेंः MCD Election 2022: चुनाव के कारण बाजार में लौटी रौनक, बढ़ी चुनाव प्रचार सामग्री की मांग

डिजिटलीकरण के इस दौर में व्यापार करने के लिए तीन चीज ही जरूरी होंगी- डिजिटल पेमेंट, इंटरनेट एवं कोरियर सेवाएं. देश में अब 5जी सर्विस शुरू हो चुकी है जो देश के कोने कोने में निर्बाध हाई स्पीड इंटरनेट को सुलभ कराएंगी. वहीं डिजिटल पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस , एनएफटी, अन्य प्रकार से भुगतान के लिए यूपीआई, भीम, क्यूआरकोड सहित अन्य अनेक प्रकार के डिजिटल पेमेंट के माध्यम उपलब्ध है. वहीं इंडिया पोस्ट से लेकर देश भर में कुरियर कंपनियों तथा ट्रांसपोर्ट सेवाओं का जाल बिछा हुआ है. व्यापारी यदि इनको अपने व्यापार का मूल आधार बनायेंगे तो उनके व्यापार में वृद्धि तो होगी ही बल्कि कोई भी विदेशी कंपनी अथवा भारतीय कंपनी कभी भी उनके व्यापार पर कब्जा नहीं कर पायेंगी.

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) के द्वारा 15 नवंबर से पूरे देश में व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान को शुरू किया जा रहा है. इस अभियान के माध्यम से न सिर्फ कैट देश भर में व्यापारियों को डिजिटलीकरण व्यापार के प्रति जागरूक करेगा बल्कि व्यापार को डिजिटलीकरण करने पर भी दिया जाएगा. इसके साथ ही व्यापारियों को यह भी बताया जाएगा कि किस तरह से आसानी से डिजिटल माध्यम से व्यापार कर सकते हैं और यह सरल और सुरक्षित भी है.

वैश्विक महामारी कोरोना की दस्तक के बाद से पूरे देश समेत राजधानी दिल्ली में भयावह मंदी का दौर देखा जा रहा है. कोरोना के दो साल के बाद भी पूरी तरीके से देश मंदी के दौर से नहीं भर पाया है. इस बीच देश की सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने आज जानकारी देते हुए बताया कि 15 नवंबर से कैट पूरे देश में व्यापारी डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत करने जा रहा है. आने वाले समय में यही डिजिटल करेंसी देश भर में व्यापार का स्वरूप भी बदलेगी और चेक बुक भी बंद होंगी.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि बीते दिनों हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई भारत की अपनी डिजिटल करेंसी केंद्र सरकार के इस मज़बूत इरादे को बेहद स्पष्ट करती है जिससे देश में डिजिटलीकरण को शहर शहर और गाँव गाँव तक पहुँचाया जायेगा और निकट भविष्य में देश भर में अधिकांश व्यापार अब डिजिटल उपकरणों के ज़रिए ही चलेगा.डिजिटीकरण की ओर विशेष ध्यान देते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों के बीच “ व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान “ शुरू करने का निर्णय लिया है और यह अभियान आगामी 15 नवम्बर से देश के सभी राज्यों और राजधानी से शुरू होगा.

प्रवीण खंडेलवाल ने आगे बताया कि डिजिटल करेंसी के आ जाने के बाद ऐसा लगता है कि शायद चेक बुक की अब जरूरत ही नहीं रहेगी. व्यापार डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत देश भर के व्यापारिक बाजारों में स्थानीय ट्रेड एसोसिएशनों के सहयोग से मार्केटों में कैम्प लगाकर अथवा दुकान दुकान जाकर अथवा ऑनलाइन मीटिंग, वर्कशॉप एवं सेमिनार आयोजित कर व्यापारियों को जागरुक किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि बदलते व्यापारिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए वो अपने व्यापार के वर्तमान स्वरूप को बदलकर डिजिटल उपकरण जैसे नकद के बजाय डिजिटल तरीके् से भुगतान, ई-कॉमर्स पर अपनी दुकान, बिल आदि बनाने तथा व्यापारिक पत्र व्यवहार करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग आदि क्यों जरूरी हो गया है. व्यापारी डिजिटलीकरण राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत 15 नवम्बर को दिल्ली की करोल बाग मार्केट से शुरू होगा. पूरे देश भर में पहले चरण के दौरान लगभग 7 करोड़ व्यापारी कैट के इस अभियान से जुड़ेंगे.

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डिजिटलीकरण के इस दौर में व्यापार करने के लिए तीन चीज ही जरूरी होंगी- डिजिटल पेमेंट, इंटरनेट एवं कोरियर सेवाएं. देश में अब 5जी सर्विस शुरू हो चुकी है जो देश के कोने कोने में निर्बाध हाई स्पीड इंटरनेट को सुलभ कराएंगी. वहीं डिजिटल पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आरटीजीएस , एनएफटी, अन्य प्रकार से भुगतान के लिए यूपीआई, भीम, क्यूआरकोड सहित अन्य अनेक प्रकार के डिजिटल पेमेंट के माध्यम उपलब्ध है. वहीं इंडिया पोस्ट से लेकर देश भर में कुरियर कंपनियों तथा ट्रांसपोर्ट सेवाओं का जाल बिछा हुआ है. व्यापारी यदि इनको अपने व्यापार का मूल आधार बनायेंगे तो उनके व्यापार में वृद्धि तो होगी ही बल्कि कोई भी विदेशी कंपनी अथवा भारतीय कंपनी कभी भी उनके व्यापार पर कब्जा नहीं कर पायेंगी.

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