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कुंभ कोरोना फर्जीवाड़ा: मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा - Order to prosecute in Kumbh Corona Testing fraud case

कुंभ कोरोना टेस्टिंग मामले में जिलाधिकारी ने मुकदमा करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा
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Published : Jun 17, 2021, 4:48 AM IST

नई दिल्ली/हरिद्वार: कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं. इस मामले में दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. पंजाब के रहने वाले व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद ये कार्रवाई की गई है.

बता दें हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना जांच के नाम पर हुए फर्जीवाड़े मामले की जांच के लिए 10 लैब को इनपैनल्ड किया गया था. इनमें डॉ. लाल चंदानी लैब और नलवा लैबोरेट्रीज पर सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा करने की आशंका है. देहरादून में इस मामले की जांच के बाद प्रशासन द्वारा हरिद्वार जिला अधिकारी को जांच करने के दिए थे. जिसके बाद जिलाधिकारी सी. रविशंकर द्वारा तीन सदस्यों की बनाई. आज जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

पढ़ें- रिद्वार कुंभ: कोरोना टेस्टिंग में महाफर्जीवाड़ा, पंजाब के इस शख्स ने खोली जांच घोटाले की पोल

धर्मनगरी हरिद्वार में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा

हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक LIC एजेंट के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपिन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए.

पढ़ें- कुंभ में कोरोना जांच पर उठे सवाल, सैंपल सबसे ज्यादा और संक्रमित सबसे कम

विपिन ने कोई कोरोना जांच नहीं कराई थी. ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.

पढ़ें- कुंभ में फर्जी कोविड टेस्ट का मामला, आरोपी कंपनी का 3 करोड़ का पेमेंट रोका

ICMR ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा. वहीं यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. अब तक की जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाई गई हैं.

नई दिल्ली/हरिद्वार: कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं. इस मामले में दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. पंजाब के रहने वाले व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत के बाद ये कार्रवाई की गई है.

बता दें हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना जांच के नाम पर हुए फर्जीवाड़े मामले की जांच के लिए 10 लैब को इनपैनल्ड किया गया था. इनमें डॉ. लाल चंदानी लैब और नलवा लैबोरेट्रीज पर सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा करने की आशंका है. देहरादून में इस मामले की जांच के बाद प्रशासन द्वारा हरिद्वार जिला अधिकारी को जांच करने के दिए थे. जिसके बाद जिलाधिकारी सी. रविशंकर द्वारा तीन सदस्यों की बनाई. आज जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

पढ़ें- रिद्वार कुंभ: कोरोना टेस्टिंग में महाफर्जीवाड़ा, पंजाब के इस शख्स ने खोली जांच घोटाले की पोल

धर्मनगरी हरिद्वार में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा

हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक LIC एजेंट के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपिन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए.

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विपिन ने कोई कोरोना जांच नहीं कराई थी. ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.

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ICMR ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा. वहीं यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. अब तक की जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाई गई हैं.

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