नई दिल्ली/नोएडा: अमेरिकी नागरिकों का डाटा खरीदकर विभिन्न माध्यमों से उनके साथ ठगी करने वाले कॉल सेंटर का नोएडा एसटीएफ और फेज वन पुलिस ने पर्दाफाश किया है. मामल में 16 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. इसमें कई युवतियां भी शामिल है. ठगी का कॉल सेंटर सेक्टर तीन के जी-63 स्थित इमारत में संचालित हो रहा था. बीते चार दिन के भीतर जिले में तीन फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया है.
एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई: एसटीएफ एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि अमेरिकी नागरिक डेवन समेत कई अन्य ने पुलिस को दिए शिकायती में बताया था कि नितिन श्रीवास्तव द्वारा संचालित कॉल सेंटर के माध्यम से कॉल कर उनके बैंक ऑफ अमेरिका के अकाउंट से पैसा हांगकांग के एएचएसबीसी के अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया गया. मामले की जानकारी होते ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार ने के लिए टीम बनाई. इसी क्रम में टीम को जानकारी मिली कि विदेशी लोगों के साथ ठगी करने वाला कॉल सेंटर फेज वन थानाक्षेत्र में संचालित हो रहा है.
फर्जी कॉल सेंटर का सरगना नीतिन श्रीवास्तव और उनका साथी दिव्य शर्मा कई अन्य लोगों को जोड़कर व्यापक स्तर पर ठगी करवा रहा है. फिर नोएडा एसटीएफ और फेज वन पुलिस ने छापा मारकर कॉल सेंटर से सूरजपुर निवासी दिव्य शर्मा उर्फ लवकुश, जेजे कॉलोनी निवासी दीपू कुमारी, छलेरा निवासी उपासना और अमित कुमार, सदरपुर निवासी विपुल कुमार, सेक्टर-12 निवासी सुमित, बदायूं निवासी श्रेया, दिल्ली निवासी सोनी कुमारी, खजूरी खास निवासी काज मिश्रा, न्यू अशोक नगर निवासी तुषार वाष्णेय, जामिया नगर निवासी सबी अहमद, बिहार के कटिहार निवासी तमन्ना और वेशाली निवासी सुहैल रजा, गाजियाबाद निवासी देवेंद्र सिंह और उद्दयान और बरेली निवासी वीरेश माथुर को गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे करते थे ठगी: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों का डाटा खरीद लेते थे. इसके बाद आरोपी वाइट पेजेज वेबसाइट से इन मोबाइल नंबरों से अमेरिका के सर्विस प्रोवाइडर का पता कर लेते थे. इतनी जानकारी एकत्र करने के बाद फिर कॉल सेंटर से सर्विस प्रोवाइडर को धारक बताकर कॉल करते थे. पूछने पर ग्राहक का पीआईएन नंबर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के कर्मचारियों को बता देते थे. इसके बाद आरोपी सर्विस प्रोवाइडर से नया मोबाइल बुक करा लेते थे.
नए मोबाइल की डिलिवरी के लिए आरोपी एक फर्जी पता, डीएल और पासपोर्ट आदि बनाकर अपलोड कर देते थे. इसके बाद अमेरिकी एजेंट उसी नंबर से कई प्रकार का लोन ले लेता था. आरोपी फिर वो पैसा हांगकांग स्थित विभिन्न बैंकों में डाल देते थे. ये पेमेंट मोड नितिन, टेलीग्राम चैनल और डॉर्क वेव से लेता था. उसके बदले में कमीशन लोकल बिट क्वाइन पेज के माध्यम से यूएसडीटी में अदा कर लिया जाता था. हांगकांग से पैसा गिरोह के आरोपियों तक कैश में पहुंच जाता था.
- ये भी पढ़ें: Fake Doctors Case: मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में शिकायतें दर्ज, हुए कई खुलासे
सड़क हादसे में बुजुर्ग की उपचार के दौरान मौत: नोएडा में तेज रफ्तार का कहर आए दिन किसी न किसी रोड पर देखा जा सकता है. ट्रैफिक विभाग से लेकर सिविल पुलिस द्वारा तेज रफ्तार चलने वालों पर तमाम कार्रवाई की जा रही है, पर तेज कार चलाने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण दीपावली के दिन देखा गया. जब लाल रंग की कार ने एक वृद्ध सहित तीन लोगों को रौंद दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और कार चालक की तलाश करते हुए, उसे गिरफ्तार किया. अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया कि कार की टक्कर से घायल वृद्ध की इलाज के दौरान शनिवार देर रात मौत हो गई. पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं, अन्य विधि कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.