नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय को एक पत्र लिखा है और मामले में कड़ा संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने किसानों के विरोध के नाम पर दिल्ली में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वो बेहद निराशाजनक और शर्मसार करने वाला है, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में जिस प्रकार से हिंसा का तांडव नृत्य हुआ और देश के स्वाभिमान और गरिमा के प्रतीक लालक़िले पर गणतंत्र का अपमान हुआ, आंदोलनकारियों ने पूरी दिल्ली को एक तरह से बंधक बना दिया, यह बेहद बेहद चिंता का विषय है और इस पर कैट ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
सरकार और दिल्ली पुलिस की प्रशंसा
कैट की तरफ से कहा कि गणतंत्र दिवस पर हुई यह घटना बेहद अपमानजनक है, देश के गौरव और सम्मान का अपमान है. सरकार और दिल्ली पुलिस के संयमित व्यवहार की प्रशंसा करते हुए कैट ने कहा की किसान के भेष में हिंसा और अराजकता का माहौल फैलाने वाले लोगों ने दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में पहुंचकर बेरिकेड्स गिराए, पुलिस से भिड़ गए और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
जान माल को हो सकता था नुकसान
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिल्ली में अधिकतर बाजार और दुकानें बंद थी लेकिन यदि बाजार दुकानें खुली होती तो दिल्ली के व्यापारियों के जान माल को बड़ा नुकसान हो सकता था, इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर और इस पत्र को याचिका मानकर इस गंभीर मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है.