नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने पूरे देश भर में फैली ऑक्सीजन की समस्या को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स को पत्र लिखकर अपनी तरफ से सुझाव दिए हैं. कैट ने कहा है कि ऑक्सीजन के मुद्दे पर एक ऑक्सीजन पॉलिसी बनाया जाना बेहद जरूरी है.
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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने टास्क फाॅर्स के सदस्यों को भेजे पत्र में कहा है कि निश्चित रूप से देश में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन उसकी वितरण प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त करना होगा. कोरोना के दौरान संकट और खामियों से सबक लेते हुए एक ऑक्सीजन पॉलिसी के तहत करोड़ो रुपयों की लागत से बनने वाले अस्पतालों के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट होना तथा ऑक्सीजन सिलेंडर का पर्याप्त स्टॉक रखने का गोदाम होना अनिवार्य होना चाहिए.
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मध्यम श्रेणी और छोटे अस्पताल के लिए हो पूल सिस्टम
मध्यम श्रेणी और छोटे अस्पताल आपस में पूल करके आवश्यकता की पूर्ति हेतु ऑक्सीजन प्लांट लगाएं, जिससे पूल में शामिल सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन मिल सके. बिजली ग्रिड की तर्ज़ पर एक नेशनल ऑक्सीजन ग्रिड भी बनाया जाए. रेलवे नियमित तौर पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाये ताकि देश भर में जीवन दायनी ऑक्सीजन समय पर पहुंचती रहे.
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नए प्लांट को मिले मंजूरी, बने ग्रीन कोरिडोर
प्रवीन खंडेलवाल ने यह भी सुझाव दिया कि ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के नए प्लांट को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी जाए ताकि सिलेंडरों की कमी को दूर किया जा सके. ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए हर वक़्त "ग्रीन कॉरिडोर" खुला रहे, ऐसा कानून में प्रावधान किया जाए. हर बड़ी हाउसिंग सोसायटी, क्लब ,रिजॉर्ट, होटल ,स्टेडियम और बाजारों में उनकी क्षमता के हिसाब से एक मेडिकल रूम बनाना अनिवार्य किया जाए, जहां 1-2 बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर जैसी जरूरी चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध किया जाए.
बनाई जाएं कम कीमत वाली छोटी एंबुलेंस
पत्र में यह भी सुझाव दिया कि नेशनल इंस्टीट्यट ऑफ़ डिज़ाइन एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फैशन एंड ट्रेनिंग से कम कीमत वाली छोटी एंबुलेंस के डिजाइन बनवाये जाएं और ऑटोमोबाइल निर्माताओं से उन डिज़ाइन के अनुरूप एम्बुलेंस बनवाई जाए. जिससे एंबुलेंस छोटे शहरों और छोटी सड़कों पर भी आसानी से चल सकें. इसके अलावा देश के हर छोटे-बड़े शहरों में बड़ा या छोटा शहर की क्षमता के अनुसार एक ऑक्सीजन प्लांट बनाना अनिवार्य किया जाए.