नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली सरकार द्वारा जल एवं सीवर शुल्क में बेतहाशा वृद्धि को लेकर अपनी तरफ से नाराजगी जाहिर की है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है कि इन नए शुल्कों के मार सीधे दिल्ली की जनता पर पड़ेगी.
जनता के ऊपर अतिरिक्त बोझ
दरअसल दिल्ली सरकार ने 6 अक्टूबर 2020 को दिल्ली के रिहायशी एवं कमर्शियल क्षेत्रों पर इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर जल एवं सीवर शुल्क में बेतहाशा वृद्धि करके राजधानी दिल्ली की जनता के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. नए शुल्क के मुताबिक ए और बी श्रेणी क्षेत्रों में ढाई सौ मीटर यानी लगभग 2600 वर्ग गज के प्लॉट पर जल एवं सीवर शुल्क के नाम पर 25 लाख का शुल्क अब देना होगा. जबकि पिछले 2 वर्ष में इस प्रकार का कोई भी शुल्क राजधानी दिल्ली की जनता पर नहीं लगाया गया था.
मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात करेगा कैट
वर्तमान समय में जल और सीवर के हालात काफी ज्यादा खराब है. ऐसे में इन हालातों को ठीक करने के लिए दिल्ली की जनता के ऊपर यह अतिरिक्त बोझ कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस पूरे मामले पर जल्दी ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल से मुलाकात कर कैट इस प्रकार के कर को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग करेगा.
कर तुरंत लिया जाए वापस
कैट का कहना है कि दिल्ली में जल एवं सीवर की सुविधाओं का बड़ा अभाव है. उनको ठीक करने के लिए दिल्ली के लोगों पर अतिरिक्त कर का बोझ डालना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इसलिए इस प्रकार के कर को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए.