नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 17 मार्च से शुरू होगा. सत्र की शुरुआत उपराज्यपाल के अभिभाषण से होगी. उसके बाद सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश होगा. आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में यह पहला वर्ष होगा, जब मनीष सिसोदिया की जगह वित्त मंत्री कैलाश गहलोत नए वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगे.
गत वर्षों के दौरान दिल्ली सरकार अलग-अलग थीम पर बजट पेश करती आ रही है. पिछले साल के बजट को देशभक्ति बजट नाम दिया गया था. इसमें आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर दिल्ली में जगह-जगह देशभक्ति से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन तथा झंडे लगाने को लेकर बजट में फंड आवंटित किया गया था. इससे पहले रोजगार बजट सरकार पेश कर चुकी है, जिसमें दिल्ली के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर देने की योजनाओं का जिक्र था.
बजट सत्र के हंगामेदार रहने की भी आशंका है, क्योंकि विपक्षी दल बीजेपी विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है. हाल ही में आबकारी घोटाले में फंसे मनीष सिसोदिया के मामले पर भी सदन में हंगामे होने की पूरे संभावना है. दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने वित्त मंत्रालय संभालने के बाद दो मार्च को विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर बजट पर चर्चा की थी. उन्होंने सिटिजन सेंट्रिक और प्रगतिशील बजट पेश करने को लेकर संकेत दिए थे.
कैलाश गहलोत ने आश्वस्त किया था कि आगामी बजट दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा. पिछले 8 वर्षों में दिल्ली सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाने का काम इस बार भी दिल्ली सरकार के बजट में जारी रहेगा. कैलाश गहलोत ने हाल ही में मनीष सिसोदिया द्वारा वाले विभाग वित्त विभाग, योजना, लोक निर्माण विभाग, बिजली, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और अन्य सभी विभाग का प्रभार संभाला है जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं.