नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का केस लड़ रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉक्टर एपी सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं उन केस को लड़ने में रूचि रखता हूं, जहां हमको लगता है कि मामले में साजिश के तहत किसी को फंसाया गया है. यौन शोषण मामले में ETV भारत से बात करते हुए बताया कि आजकल ऐसे बहुत से झूठे केस आते हैं. अब देश में सीता और सावित्री जैसी महिलाओं की संख्या घटती जा रही है. सनी लियोन जैसी महिलाएं बढ़ती जा रही है. सिंह ने कहा कि इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह को साजिश के तहत फंसाया गया है.
उन्होंने कहा कि जिन पहलवानों ने आरोप लगाया है वह बिना ट्रायल के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलना चाहते थे. बृजभूषण शरण सिंह ने ऐसा नियम बना दिया कि जो खिलाड़ी पहले डिस्ट्रिक्ट खेलेगा, स्टेट खेलेगा, नेशनल खेलेगा उसके बाद ही उसको इंटरनेशनल गेम्स में भेजा जाएगा. इन पहलवानों की उम्र निकल चुकी है. अब वह ट्रायल का सामना नहीं करना चाहते. इस वजह से उनके खिलाफ साजिश की गई है.
निर्भया और हाथरस कांड का केस लड़ चुके हैं एपी सिंह: उन्होंने बताया कि पहले भी वह गायत्री परिवार मिशन के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य और यौन शोषण के आरोप में भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद मामले में भी कई सारे मुकदमे लड़े हैं और उन लोगों को न्याय दिलाने का काम किया है. एपी सिंह ने बृजभूषण का पक्ष लेते हुए हाथरस गैंग रेप का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा कि हाथरस कांड में भी एक आरोपित के साथ तीन और निर्दोष लड़कों को भी आरोपित बनाकर फंसा दिया गया था. उनका केस भी मैंने आगे बढ़ कर लड़ा और उस केस में न्यायालय ने तीन लड़कों को बरी किया. निर्भया केस में भी एपी सिंह आरोपियों की तरफ से वकालत कर चुके हैं.
बिना केस चले मीडिया ने बृजभूषण को बना दिया विलेन: एपी सिंह ने कहा कि कई मामलों में मीडिया ट्रायल इतना हो जाता है कि मीडिया के लोग चार्जशीट पेश होने से पहले ही कई तरह के आरोप लगा देते हैं और ट्रायल शुरू होने से पहले ही उस केस में निर्णय देने लगते हैं. बृजभूषण के मामले में भी छह महीने से लगातार मीडिया ट्रायल चल रहा है, जबकि पुलिस ने 15 जून को चार्जशीट दाखिल की है. पहलवानों ने पुलिस में बिना कोई शिकायत दिए, न कोई पीसीआर कॉल, न 100 नंबर की कॉल और न कोई घटना स्थल यहां कोई समय या कोई नियत स्थान नहीं है.
तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया यह मामला: उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का लिखित जजमेंट है कि जिस मामले में सात साल से कम सजा होने का प्रावधान है, उस मामले में नियमित जमानत दी जाए. उसके आधार पर सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नियमित जमानत दे दी गई है. अब मामले में चार्जशीट पर बहस चलेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई चीजों को बहुत ही बढ़ा चढ़ाकर व तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. छेड़खानी के मामले को यौन शोषण नाम दे दिया गया है.
इसे भी पढ़ें: Sexual Harassment Case: बृजभूषण शरण सिंह को दो दिन की अंतरिम जमानत, अगली सुनवाई 20 जुलाई को
इसे भी पढ़ें: बृजभूषण ने बिस्तर पर बुलाया और गले लगा लिया, दिल्ली पुलिस बोली- बिना देरी किए मुकदमा चलाए