नई दिल्ली: फीडबैक यूनिट स्कैम के विरोध में दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला है. प्रदर्शनकारी दोपहर 12 बजे के करीब आईटीओ के पास शहीदी पार्क में एकत्र हुए और वहां से दिल्ली सचिवालय आईटीओ के लिए आगे निकले. जैसे बीजेपी कार्यकर्ता आगे बढ़े पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस विरोध मार्च में बीजेपी कार्यकर्ता अपने साथ पोस्टर लिए हुए थे, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दो जासूस के तौर पर प्रदर्शित कर रहे थे.
अरविंद केजरीवाल जाजूस दिया करार
विरोध मार्च में दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी, वरिष्ठ नेता विजय गोयल आदि शामिल हुए हैं. बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि आखिर किस कारण अरविंद केजरीवाल जासूसी करा रहे थे और फीडबैक यूनिट किस के आदेश पर शुरू किया है. उन्होंने कहा कि यह सब तो जनता को बताना ही होगा. साथ ही कहा कि इस यूनिट का सरकार ने बेजा इस्तेमाल किया है और इसलिए शिकायत व पुख्ता सबूत होने के बाद अब उपराज्यपाल ने सीबीआई को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
बीते दिन बीजेपी ने आम आदमी से पूछा था सवाल
बीजेपी नेताओं ने कहा कि फीडबैक यूनिट को लेकर बीजेपी ने बुधवार को आम आदमी पार्टी से सवाल पूछा था, कि वे बताएं एसीबी व सतर्कता विभाग के होते हुए भी आखिर केजरीवाल सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों को लेकर एफबीयू की स्थापना क्यों की थी. यूनिट स्थापना के पीछे केजरीवाल सरकार का क्या मकसद था, यदि मकसद साफ होता तो सरकार स्थापना के समय उद्देश्य भी बताती. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच में सामने आया की एफबीयू ने केजरीवाल सरकार को लगभग 700 रिपोर्ट दी हैं.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की उपराज्यपाल ने दी मंजूरी
बता दें कि दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी उपराज्यपाल ने दे दी है. सीबीआई ने दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट के गठन व जासूसी का आरोप लगाते हुए सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. जिसेक बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी दी है. साथ ही इस यूनिट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय को उपराज्यपाल ने पत्र लिखा है.
फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का हुआ था गठन
दिल्ली सरकार ने फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का गठन किया था. यूनिट ने 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था. आरोप है कि फीडबैक यूनिट में फरवरी से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की. फीडबैक यूनिट में सिर्फ बीजेपी नेताओं की ही नहीं बल्कि आप से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी.
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