नई दिल्ली: राजधानी में विधानसभा चुनाव होने में चंद महीने बचे हैं. इससे पहले पूरे दमखम के साथ हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. वहीं हरियाणा में पार्टी को 0.43% तथा महाराष्ट्र में 0.12% वोट मिले हैं. आखिर ऐसा हश्र क्यों हुआ इस बारे में ईटीवी भारत ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी से खास बातचीत की.
उन्होंने साफ कहा कि केजरीवाल सरकार के दिल्ली मॉडल को पूरा देश नकार चुका है. यह खामियाजा अब दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी को भुगतना पड़ेगा. रमेश बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में केजरीवाल सरकार के मॉडल को लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव लड़ी थी.
केजरीवाल गए थे चुनाव प्रचार करने
सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. हरियाणा जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गृह प्रदेश भी है. महाराष्ट्र में अरविंद केजरीवाल खुद चुनाव प्रचार करने गए थे परंतु चुनाव मैदान में उतरे किसी भी प्रत्याशी को एक हजार से ज्यादा वोट नहीं मिले. इससे पता लगता है कि आम आदमी पार्टी को आम जनता ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है.
'दिल्ली 10 सीटें भी नहीं मिलेंगी'
दिल्ली में विधानसभा चुनाव होंगे तो 67 सीटें जीतने वाली पार्टी को 10 सीटें भी नहीं मिलेंगी. अधिकांश प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अनुभवों को इन राज्यों में प्रयोग कर इन राज्यों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का दावा किया था. हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर और महाराष्ट्र में 24 सीटों पर चुनाव लड़ा, मगर यहां की जनता आम आदमी पार्टी के छलावे में नहीं आने वाली है.
'अभी से गांठ बांध लें तो झटका नहीं लगेगा'
आम आदमी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में दिल्ली की भांति महिलाओं को नि:शुल्क बस यात्रा, मोहल्ला क्लीनिक खोलने, लाखों सीसीटीवी कैमरे और लाइट लगाने के सपने दिखाए थे. परंतु पार्टी ने जनता ने पार्टी को आइना दिखा दिया. अब यही हाल दिल्ली में भी होगा. यह बात केजरीवाल अभी से गांठ बांध लें तो झटका नहीं लगेगा.
हरियाणा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद क्या दिल्ली में आम आदमी पार्टी का टिकट लेने वालों में कमी आएगी? यह पूछे जाने पर रमेश बिधूड़ी ने कहा निश्चित तौर पर. जो मौजूदा विधायक हैं आप पार्टी के, उनके पास संभावना नहीं है इसीलिए वह टिकट की मांग करेंगे.