नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर एक बार फिर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में जो दिल्ली सरकार के अफसर काम करते हैं उनके ऊपर भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के माध्यम से पिछले सात साल अवैध नियंत्रण कर रखा है. बीजेपी लगातार अवेध इस कब्जे का दुरुपयोग करती रही है. इसका एक उदहारण कल एक नोटिस में मिला.
उन्होंने कहा, यह नोटिस दिल्ली के सूचना विभाग की ओर से आईएएस अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर जारी किया गया है. उन्होंने अपने नोटिस में लिखा है कि 2016-17 के आसपास दिल्ली सरकार ने जो दिल्ली के बाहर विज्ञापन दिए थे, उनकी वसूली दिल्ली के मुख्यमंत्री से की जाएगी. यह रकम 163 करोड़ रुपये की है. आईएएस अधिकारी ने अपने नोटिस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धमकी दी भी है कि आप यह 163 करोड़ रुपए दस दिनों के भीतर जमा अन्यथा नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के कहने पर सीएम को धमकी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि, यहां बात आईएएस अधिकारी की नहीं है. यहां बात है कि भाजपा कैसे दिल्ली सरकार के अफसरों का गलत इस्तेमाल कर रही है. दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को चुना है. मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि, साल 2015 और साल 2020 में दिल्ली की जनता ने प्रचंड बहुमत से केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया. दिल्ली के लोगों ने कहा कि सीएम, सरकार के इन अफसरों की मदद से जनता के हित में कार्य करें. स्कूल बनवाएं, अस्पताल बनवाएं और दिल्ली का विकास का कराएं. लेकिन भाजपा अवैध रूप से इन अफसरों पर अपना कब्जा कर के बैठी है और इनका सीएम के खिलाफ गलत इस्तेमाल कर रही है. भाजपा इसका राजनीतिक इस्तेमाल कर चुनी हुई सरकार को टारगेट कर रही है.
यह भी पढ़ें-सरकारी विज्ञापनों के नाम पर पार्टी का प्रचार महंगा पड़ेगा, आप को 163.6 करोड़ 10 दिन में चुकाने का नोटिस
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार के अफसरों पर दबाव बनाकर भाजपा, दिल्ली सरकार पर दबाव बना रही है. और तो और भाजपा अफसरों को भी काम न करने देने के साथ जनता के काम को भी रुकवा रही है. दिल्ली सरकार का जो सर्विस डिपार्टमेंट है उसपर भाजपा कब्जा कर कै बैठी है. अब यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री को दिल्ली से बाहर विज्ञापन नहीं देना चाहिए था. सिसोदिया ने कहा कि, आप दिल्ली के अखबार उठाकर देख लीजिए जो भाजपा के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापन से भरे पड़े हैं. अगर यह गलत है तो क्या भाजपा उन राज्यों में जहां उनकी सरकार है, वहां के सीएम से पैसा वसूलेगी? भाजपा चाहती है कि दिल्ली की जनता के हक में काम न हो. बस दिल्ली सरकार को परेशान किया जाए. उन्होंने कहा कि हमने डीआईपी के सचिव से विज्ञापनों की डिटेल मांगी है.
यह भी पढ़ें-LG ने दिया आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश, पार्टी ने विज्ञापन मद में किया है खर्च