नई दिल्ली: अनऑथराइज्ड कॉलोनियों को लेकर दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हो गई है. एक तरफ जहां भाजपा नेता विजय गोयल ने इस मुद्दे को लेकर महारैली की घोषणा की है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता इसे लेकर उपराज्यपाल से मिले हैं.
प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता, कुलजीत सिंह चहल, राजेश भाटिया समेत एक दल उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर मिलने पहुंचा. यहां इन्होंने बताया कि वो यहां अनऑथराइज्ड कॉलोनियों की अभी की रिपोर्ट जानने पहुंचे हैं.
'क्रेडिट-क्रेडिट का गेम खेलने में लगे हैं लोग'
मनोज तिवारी ने मीडिया को बताया कि कुछ लोग अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में रजिस्ट्री और मालिकाना हक के नाम पर क्रेडिट-क्रेडिट लेने का गेम खेल रहे हैं. जबकि हमारा उद्देश्य है कि काम हो. उन्होंने कहा कि हम यहां जानने आए थे कि हम इसमें कितना आगे बढ़े हैं.
क्रेडिट गेम खेलने वालों को नहीं मिले मौका
मनोज तिवारी ने कहा कि हमे गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों तरह की कॉलोनियों को अलग-अलग ढंग से देखना पड़ेगा. ऐसे में इस पर उपराज्यपाल से बहुत सकारात्मक बात हुई. उन्होंने कहा कि हम ध्यान रख रहे हैं कि क्रेडिट गेम खेलने वालों को इसमें कोई अड़ंगा लगाने का मौका ना मिले.
विजय गोयल की रैली को बताया निजी
इसी मौके पर प्रदेश भाजपा इकाई में चल रहे मतभेद भी उस वक्त सामने आ गए, जब मनोज तिवारी से पत्रकारों ने विजय गोयल की महारैली के बारे में पुछा तो उन्होंने ने इस रैली की जानकारी होने इंकार कर दिया. बता दें कि गोयल ने आज ही इस मुद्दे पर महारैली की घोषणा की है लेकिन तिवारी ने गोयल के इस फैसले को उनका निजी फैसला बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी पहले सभी चीजों को अच्छे से ट्रैक पर लाना चाहती है.
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनऑथराइज्ड कॉलोनियों के मुद्दे पर ही भाजपा कांग्रेस पर निशाना साधा था. इन कॉलोनियों को पक्का करने की कवायद में ही दिल्ली सरकार के रेवेन्यू डिपार्टमेंट द्वारा सब-रजिस्ट्रार कार्यालय खोलने और स्टाफ हायरिंग की खबरें जोर पकड़ रही हैं. ऐसे में भाजपा भी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती.