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प्रजा फाउंडेशन ने जारी किया पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड, BJP के नेताओं ने मारी बाजी

म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर रिसर्च करने वाली संस्था प्रजा फाउंडेशन ने अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. जिसमें तीनों निगम में बीजेपी पार्षदों ने बाजी मारी है.

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Published : Oct 30, 2020, 7:08 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 9:07 PM IST

bjp councilors at the top in report card release by praja foundation
म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी

नई दिल्ली: प्रजा फाउंडेशन ने दिल्ली के म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है. इस रिपोर्ट कार्ड में तीनों निगमों से भाजपा पार्षदों ने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए हैं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चांदनी चौक इलाके से पार्षद रविंदर कुमार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सतपाल खरवाल और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बी एस पंवार ने अव्वल दर्जा हासिल किया है. लोगों की समस्याएं सुनने, उन्हें सदन में उठाने, समाधान करने और अपनी उपस्थिति जैसे कई पैरामीटर्स पर पार्षदों ने अन्य पार्षदों को मात दी है.

म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी
प्रजा फाउंडेशन का रिपोर्ट कार्ड मौजूदा समय के पार्षदों का तीसरा आंकलन है. रिपोर्ट साल 2019 20 के लिए है. इसमें बताया गया है कि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के प्रदर्शन में उपस्थिति के संदर्भ में गिरावट आई है. 2017-18 में जहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम का स्कोर 75.32 फीसदी था, तो वहीं 2019 में यह 66.38 फ़ीसदी हो गया है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का स्कोर 2017-18 में 75.10 फ़ीसदी था तो यह अब 66.61 भी हो गया है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम का स्कोर भी घटकर 81.83% से 71.27 फीसदी तक आ गया है.

नहीं हैं मुद्दों पर ध्यान

रिपोर्ट कार्ड में बताया गया है कि साल 2019-20 में तीनों निगम में से कुल 7 पार्षदों ने एक भी मुद्दा नहीं उठाया है. इसके अलावा रिपोर्ट दर्शाती है कि पार्षद उन मुद्दों को उठाने पर ध्यान नहीं दे रहे जो एमसीडी अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य काम हैं. यहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 55, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 56 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्रीय पार्षद अपने अनिवार्य कामों के तहत प्रश्न पूछने के मामले में 50 फीसदी स्कोर के भी नीचे हैं.

आम आदमी पार्टी के भी पार्षद शामिल

प्रजा फाउंडेशन के रिसर्च एंड डेटा हेड योगेश मिश्रा कहते हैं कि उत्तरी दिल्ली निगम में पहले नंबर पर आने वाले रविंदर कुमार ने अलग-अलग मापदंडों पर कुल 82.36 फ़ीसदी, दक्षिणी निगम के सतपाल खारवाल ने 79.67 फीसदी और पूर्वी दिल्ली के बी एस पंवार ने 79.43 फीसदी अंक हांसिल किए हैं. उन्हीने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम से दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के रविंदर भारद्वाज हैं तो वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा के ही आनंद हैं. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में दूसरे नंबर पर भाजपा के पवन शर्मा तो वहीं तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी की किरण चड्ढा है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम में दूसरे नंबर पर भाजपा के संजय गोयल तो तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रिंकू है.



पार्षदों से बेहतर काम की उम्मीद

योगेश कहते हैं कि मौजूदा समय में राइट टू इंफॉर्मेशन के माध्यम से अलग-अलग पैरामीटर्स में दी जाने वाली जानकारी जुटाई गई है. पार्षदों का आकलन उनकी जिम्मेदारी के हिसाब से किए गए कामों के आधार पर किया गया है. और इसमें दिल्ली के कुल 272 पार्षदों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद किसी पार्षद को ऊंचा उठाना या नीचा दिखाना नहीं है, बल्कि इसके आधार पर पार्षदों से लोगों के लिए और बेहतर काम करते रहने की उम्मीद है.

नई दिल्ली: प्रजा फाउंडेशन ने दिल्ली के म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है. इस रिपोर्ट कार्ड में तीनों निगमों से भाजपा पार्षदों ने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए हैं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चांदनी चौक इलाके से पार्षद रविंदर कुमार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सतपाल खरवाल और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के बी एस पंवार ने अव्वल दर्जा हासिल किया है. लोगों की समस्याएं सुनने, उन्हें सदन में उठाने, समाधान करने और अपनी उपस्थिति जैसे कई पैरामीटर्स पर पार्षदों ने अन्य पार्षदों को मात दी है.

म्युनिसिपल काउंसिलर्स की परफॉर्मेंस को लेकर रिपोर्ट कार्ड जारी
प्रजा फाउंडेशन का रिपोर्ट कार्ड मौजूदा समय के पार्षदों का तीसरा आंकलन है. रिपोर्ट साल 2019 20 के लिए है. इसमें बताया गया है कि दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के प्रदर्शन में उपस्थिति के संदर्भ में गिरावट आई है. 2017-18 में जहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम का स्कोर 75.32 फीसदी था, तो वहीं 2019 में यह 66.38 फ़ीसदी हो गया है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का स्कोर 2017-18 में 75.10 फ़ीसदी था तो यह अब 66.61 भी हो गया है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम का स्कोर भी घटकर 81.83% से 71.27 फीसदी तक आ गया है.

नहीं हैं मुद्दों पर ध्यान

रिपोर्ट कार्ड में बताया गया है कि साल 2019-20 में तीनों निगम में से कुल 7 पार्षदों ने एक भी मुद्दा नहीं उठाया है. इसके अलावा रिपोर्ट दर्शाती है कि पार्षद उन मुद्दों को उठाने पर ध्यान नहीं दे रहे जो एमसीडी अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य काम हैं. यहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 55, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 56 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्रीय पार्षद अपने अनिवार्य कामों के तहत प्रश्न पूछने के मामले में 50 फीसदी स्कोर के भी नीचे हैं.

आम आदमी पार्टी के भी पार्षद शामिल

प्रजा फाउंडेशन के रिसर्च एंड डेटा हेड योगेश मिश्रा कहते हैं कि उत्तरी दिल्ली निगम में पहले नंबर पर आने वाले रविंदर कुमार ने अलग-अलग मापदंडों पर कुल 82.36 फ़ीसदी, दक्षिणी निगम के सतपाल खारवाल ने 79.67 फीसदी और पूर्वी दिल्ली के बी एस पंवार ने 79.43 फीसदी अंक हांसिल किए हैं. उन्हीने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम से दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के रविंदर भारद्वाज हैं तो वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा के ही आनंद हैं. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में दूसरे नंबर पर भाजपा के पवन शर्मा तो वहीं तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी की किरण चड्ढा है. इसी तरह पूर्वी दिल्ली नगर निगम में दूसरे नंबर पर भाजपा के संजय गोयल तो तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रिंकू है.



पार्षदों से बेहतर काम की उम्मीद

योगेश कहते हैं कि मौजूदा समय में राइट टू इंफॉर्मेशन के माध्यम से अलग-अलग पैरामीटर्स में दी जाने वाली जानकारी जुटाई गई है. पार्षदों का आकलन उनकी जिम्मेदारी के हिसाब से किए गए कामों के आधार पर किया गया है. और इसमें दिल्ली के कुल 272 पार्षदों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद किसी पार्षद को ऊंचा उठाना या नीचा दिखाना नहीं है, बल्कि इसके आधार पर पार्षदों से लोगों के लिए और बेहतर काम करते रहने की उम्मीद है.

Last Updated : Oct 30, 2020, 9:07 PM IST
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