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दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर बीजेपी ने एयर क्वालिटी कमिश्नर से की शिकायत

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पत्र लिखकर एयर क्वालिटी कमिश्नर से शिकायत की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है.

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दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता
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Published : Oct 29, 2022, 6:27 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. शनिवार को प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. इसको लेकर दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एयर क्वालिटी कमिश्नर से शिकायत की है. उन्होंने प्रदूषण पर लगाम ना लगा पाने का जिम्मेदार दिल्ली सरकार को ठहराया. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में दिल्ली को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना गया है. दिल्ली में जहरीली हवा में सांस लेने के चलते 22 लाख लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं.

एयर क्वालिटी विभाग के कमिश्नर को आदेश गुप्ता की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. पिछले साल तक दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण के स्तर के लिए पंजाब में जलाए जाने वाली पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता था. लेकिन अब वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है. तब भी वहां पर किसानों को द्वारा बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही है, जो दिल्ली में प्रदूषण के बड़े स्तर का एक प्रमुख कारण है. दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण दिल्लीवासियों को जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है और कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर बीजेपी

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस पराली के घोल की बात कर रहे हैं. उसकी असलियत आज मैं सबके सामने रख रहा हूं. पराली का घोल बनाने को लेकर जो 2 साल में खर्चा हुआ वह तीन लाख रुपये का है. इसके बाद इस घोल के छिड़काव को लेकर ट्रैक्टर और बाकी जरूरी चीजों का जो खर्चा आया वह 26 लाख रुपये है. हैरानी की बात तो यह है कि पराली के घोल को लेकर विज्ञापन पर जो खर्चा किया गया वह 26 करोड़ रुपये है.

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एयर क्वालिटी कमिश्नर से की शिकायत

ये भी पढ़ें : हवा की रफ्तार पर लगा ब्रेक तो प्रदूषण ने लगाई छलांग, दिल्ली एनसीआर में दमघोंटू हुई हवा

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमें विज्ञापन वाला मुख्यमंत्री नहीं चाहिए, विजनरी मुख्यमंत्री चाहिए जिसका एक विजन हो. हरीश खुराना ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली को पार्ट टाइम मुख्यमंत्री नहीं फुल टाइम मुख्यमंत्री चाहिए. अगर पराली के लिए बनाए गए घोल के छिड़काव को लेकर बात की जाए तो एक एकड़ पर छिड़काव कर चार एकड़ के क्षेत्र को कागजों पर दिखाया जाता है. इसको लेकर किसानों से जबरदस्ती दस्तखत भी कराए जाते हैं.

ये भी पढ़ें : गाजियाबाद: महापौर ने खोया आपा, अधिकारी को कहा- 6 बजे तक पंप नहीं चला... तो मैं तुम्हें चला दूंगी

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. शनिवार को प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन (Red Zone 300-400 AQI) में और डार्क रेड जोन (Dark Red Zone 400-500 AQI) में दर्ज किया गया है. इसको लेकर दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एयर क्वालिटी कमिश्नर से शिकायत की है. उन्होंने प्रदूषण पर लगाम ना लगा पाने का जिम्मेदार दिल्ली सरकार को ठहराया. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में दिल्ली को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना गया है. दिल्ली में जहरीली हवा में सांस लेने के चलते 22 लाख लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं.

एयर क्वालिटी विभाग के कमिश्नर को आदेश गुप्ता की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा है कि दिल्ली सरकार राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. पिछले साल तक दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण के स्तर के लिए पंजाब में जलाए जाने वाली पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता था. लेकिन अब वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है. तब भी वहां पर किसानों को द्वारा बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही है, जो दिल्ली में प्रदूषण के बड़े स्तर का एक प्रमुख कारण है. दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण दिल्लीवासियों को जहरीली हवा में सांस लेना पड़ रहा है और कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर बीजेपी

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस पराली के घोल की बात कर रहे हैं. उसकी असलियत आज मैं सबके सामने रख रहा हूं. पराली का घोल बनाने को लेकर जो 2 साल में खर्चा हुआ वह तीन लाख रुपये का है. इसके बाद इस घोल के छिड़काव को लेकर ट्रैक्टर और बाकी जरूरी चीजों का जो खर्चा आया वह 26 लाख रुपये है. हैरानी की बात तो यह है कि पराली के घोल को लेकर विज्ञापन पर जो खर्चा किया गया वह 26 करोड़ रुपये है.

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एयर क्वालिटी कमिश्नर से की शिकायत

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उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमें विज्ञापन वाला मुख्यमंत्री नहीं चाहिए, विजनरी मुख्यमंत्री चाहिए जिसका एक विजन हो. हरीश खुराना ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली को पार्ट टाइम मुख्यमंत्री नहीं फुल टाइम मुख्यमंत्री चाहिए. अगर पराली के लिए बनाए गए घोल के छिड़काव को लेकर बात की जाए तो एक एकड़ पर छिड़काव कर चार एकड़ के क्षेत्र को कागजों पर दिखाया जाता है. इसको लेकर किसानों से जबरदस्ती दस्तखत भी कराए जाते हैं.

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