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Standing Committee Election: मेयर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका, दोबारा नहीं होगा स्थायी समिति का चुनाव - दिल्ली नगर निगम

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने MCD की स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव फिर से कराने के उनके आदेश को खारिज कर दिया है. साथ ही पुराने मतदान की काउंटिंग कर रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया है.

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Published : May 23, 2023, 3:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मेयर शैली ओबेरॉय के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के फिर से चुनाव कराने के फैसले को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि किसी एक व्यक्ति के मतपत्र को खारिज करने का ओबेरॉय का निर्णय कानून की दृष्टि से गलत था. निर्णय किसी सामग्री पर आधारित नहीं था. अदालत ने अब ओबेरॉय को 24 फरवरी को हुए मतदान के अनुसार चुनाव परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है.

एकल न्यायाधीश ने यह भी कहा कि खारिज किए गए मतपत्रों की गिनती की जानी चाहिए. यह याचिका दो भाजपा पार्षदों कमलजीत सहरावत और शिखा रॉय द्वारा दायर की गई थी. इसमें 24 फरवरी को हुए एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव परिणाम को घोषित करने के लिए शेली ओबेरॉय को निर्देश देने की मांग की गई थी.

ये भी पढ़ेंः निलंबित विधायक टी राजा सिंह बोले कांग्रेस कैंसर है, भाजपा को दी सॉफ्ट हिंदुत्व न अपनाने की सलाह

नए सिरे से चुनाव कराने का दिया था आदेशः उन्होंने स्थायी समिति के सदस्यों के फिर से चुनाव के लिए महापौर के नोटिस को रद्द करने की भी मांग की थी. आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्य ओबेरॉय ने एक आदेश पारित किया था, जिसके द्वारा उन्होंने एमसीडी स्थायी समिति के लिए नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश दिया था.

अपनी याचिका में सहरावत और रॉय ने अदालत से कहा कि महापौर का आदेश गलत था, क्योंकि चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं. जहां भाजपा और आप दोनों ने तीन-तीन सीटें जीती हैं. कोर्ट ने 25 फरवरी को पारित एक अंतरिम आदेश में ओबेरॉय के निर्देशों पर रोक लगा दी थी.

ये भी पढ़ेंः Karnataka Politics: कर्नाटक में सत्ता शेयरिंग के अटकलों पर एम.बी. पाटिल ने किया ये बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मेयर शैली ओबेरॉय के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के फिर से चुनाव कराने के फैसले को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि किसी एक व्यक्ति के मतपत्र को खारिज करने का ओबेरॉय का निर्णय कानून की दृष्टि से गलत था. निर्णय किसी सामग्री पर आधारित नहीं था. अदालत ने अब ओबेरॉय को 24 फरवरी को हुए मतदान के अनुसार चुनाव परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है.

एकल न्यायाधीश ने यह भी कहा कि खारिज किए गए मतपत्रों की गिनती की जानी चाहिए. यह याचिका दो भाजपा पार्षदों कमलजीत सहरावत और शिखा रॉय द्वारा दायर की गई थी. इसमें 24 फरवरी को हुए एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव परिणाम को घोषित करने के लिए शेली ओबेरॉय को निर्देश देने की मांग की गई थी.

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नए सिरे से चुनाव कराने का दिया था आदेशः उन्होंने स्थायी समिति के सदस्यों के फिर से चुनाव के लिए महापौर के नोटिस को रद्द करने की भी मांग की थी. आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्य ओबेरॉय ने एक आदेश पारित किया था, जिसके द्वारा उन्होंने एमसीडी स्थायी समिति के लिए नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश दिया था.

अपनी याचिका में सहरावत और रॉय ने अदालत से कहा कि महापौर का आदेश गलत था, क्योंकि चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं. जहां भाजपा और आप दोनों ने तीन-तीन सीटें जीती हैं. कोर्ट ने 25 फरवरी को पारित एक अंतरिम आदेश में ओबेरॉय के निर्देशों पर रोक लगा दी थी.

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