नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक स्थित किनारी बाजार देवी देवताओं के पोशाक के लिए मशहूर है. जम्मू में स्थापित मां वैष्णो देवी पर चढ़ने वाला चोला भी इसी बाजार से जाता है. नवरात्रि के पहले यहां खरीदारी करने वालों का तांता लगा हुआ है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में भक्त अपनी क्षमता के मुताबिक मां के स्वरूपों का श्रृंगार करते हैं. आइए जानते हैं आखिर देवी-देवताओं की पोशाक और श्रृंगार के लिए क्यों खास है यह बाजार....?
किनारी बाजार में माता रानी की लगभग सभी साइज की प्रतिमाओं के लिए वस्त्र उपलब्ध है. जेवर एवं शृंगार का सामान भी मिलता है. इस बार बाजार में कुंदन और जरी से तैयार वस्त्रों की डिमांड सबसे ज्यादा है. वहीं इसके साथ बाजार में मुकुट, कंगन और विशेष चुनरी भी बिकती है. कहा जाता है कि अगर कोई भी भक्त एक बार किनारी बाजार आ जाए, तो फिर उसको कहीं और जाने की जरूरत नही हैं. यहां हर भगवान की प्रतिमा के वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएं थोक के साथ रिटेल प्राइस में भी बिकती है.
क्या कहते हैं दुकानदार
देवी मां के श्रृंगार की वस्तुओं की बिक्री करने वाले मनीष शर्मा बताते हैं कि नवरात्र शुरू होने से लगभग एक महीने पहले से माता रानी के श्रृंगार की वस्तुएं बिकनी शुरू हो जाती हैं जो मध्य नवरात्रि तक चालू रहती है. उन्होंने बताया कि किनारी बाजार की विशेष खासियत यह भी है कि जम्मू में स्थापित मां वैष्णो देवी पर चढ़ने वाला चोला भी इसी बाजार से जाता है.
मनीष का कहना है कि दिल्ली के बड़े दुर्गा मंदिरों में भी माता रानी को सप्ताह में आने वाले सभी दिनों के अनुसार वस्त्र पहनाएं जाते हैं. इसके साथ ही जो लोग घर में मां दुर्गा की पूजा करते हैं, वे ज्यादातर लाल और गुलाबी चोला खरीदते हैं.
ऐसे पहुंचे किनारी बाजार
अगर आप भी इस बार किनारी बाजार से मां दुर्गा की पोशाक को खरीदना चाहते हैं, तो बता दें कि इस बाजार में पहुंचने के लिए आपको यलो मेट्रो लाइन से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा. गेट नंबर 5 से बाहर निकलते ही आप किसी भी रिक्शा से इस बाजार में 10 मिनट में पहुंच जाएंगे. आम दिनों में यह बाजार रविवार के दिन बंद रहता है. लेकिन दिवाली के त्यौहार तक यह बाजार रविवार के दिन भी खुला रहेगा. यह सुबह 10:30 से 11:00 बजे के बीच खुल जाता है और रात 8:00 से 8:30 बजे के आसपास बंद हो जाता है.