नई दिल्ली: कोरोना काल में गुरुद्वारे में आने वाले श्रद्धालुओं और स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए गुरुद्वारा बंगला साहिब एक नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. दावा है कि इस तकनीक के जरिए कोटिंग करने पर गुरुद्वारा परिसर कोरोना या किसी भी वायरस से अगले 6 महीने तक सुरक्षित रहेगा. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम ने यहां पहुंचकर इस तकनीक का जिम्मा संभाल रही कंपनी और गुरुद्वारा मैनेजमेंट से इस पूरी तकनीक और प्रक्रिया को समझा.
कोरोना से लड़ाई में है कारगर
दरअसल, इस पूरी प्रक्रिया के पीछे AI नाम की कंपनी काम कर रही है. कंपनी के बिजनेस डायरेक्टर मनीष बताते हैं कि ये तकनीक नई नहीं है लेकिन हाल ही में ये कोरोना से लड़ाई के खिलाफ बेहद कारगर साबित हुई है. ये एन्टी बायोवायरल कोटिंग है जिसे DRDO से मंजूरी भी मिली है.
कैसे करती है काम?
मनीष बताते हैं कि ये कोटिंग बेहद आसान है और कोई भी इसे नार्मल स्प्रे की तरह इस्तेमाल कर सकता है. इसे रेलिंग, सीढ़ियों, दीवारों, कार सरफेस, लिफ्ट, मोबाइल फ़ोन और ऐसी ही अन्य जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. खास बात है कि इसमें हाइपोक्लोराइड सॉल्यूशन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
बताया गया कि इससे क्रॉस कॉन्टैमिनेशन का चांस खत्म हो जाता है. कंपनी ने अभी इसकी शुरुआत बंगला साहिब से की है लेकिन जल्दी ही इसे रेलवे कोच, कंटेनमेंट जोन और अन्य जगहों पर इस्तेमाल करने की प्लानिंग की जा रही है.