नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान बाबरपुर में पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने के आरोपी विक्रम सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कहा कि आरोपी को दंगाइयों की भीड़ में सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है और वह काफी आक्रामक मुद्रा में डंडा और पत्थर चला रहा था.
'चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है'
आरोपी की ओर से वकील अशोक कुमार ने कोर्ट को बताया कि उसे पुलिस ने झूठे तरीके से फंसाया है और उसका अपराध से कोई लेना-देना नहीं है. उसे वेलकम थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 111 में जमानत मिल चुकी है. वह पिछले 18 मार्च से न्यायिक हिरासत में है.
अशोक कुमार ने बताया कि एफआईआर में आरोपी का नाम नहीं था. आरोपी के पास से कुछ भी बरामद नहीं किया गया. उसका पूर्व इतिहास साफ-सुथरा रहा है और वह अपने घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. इसलिए अब आगे उसकी हिरासत की जरूरत नहीं है.
सीसीटीवी फुटेज में पत्थरबाजी करते देखा गया
दिल्ली पुलिस की ओर से वकील सलीम अहमद ने कहा कि एएसआई धर्मेंद्र सिंह की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई है. धर्मेंद्र सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि 25 फरवरी को जब वह बाबरपुर के शिव मंदिर के पास सौ फुटा रोड पर ड्यूटी पर तैनात था, तो एक समुदाय नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए पहंचा.
वहीं पर दूसरा समुदाय नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में पहंचा. दोनों समुदाय एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर पत्थरबाजी और फायरिंग करने लगे. पत्थरबाजी और फायरिंग में कई आम लोग और पुलिसवाले घायल हुए. उन्होंने कहा कि आरोपी को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया, जिसमें उसने दोनों हाथों में ईंट और पत्थर लिए हुए था और दूसरे समुदाय पर फेंक रहा था.