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AIIMS के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक की आत्मकथा का किया गया विमोचन

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Published : Aug 16, 2019, 11:31 AM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर पीएन टंडन की जीवनी का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया. किताब का नाम मनुष्य के परिस्तिथियों को दर्शाता हैं.

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नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर पीएन टंडन की जीवनी का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया. विमोचन के दौरान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर एके बनर्जी, न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस केले समेत दूसरे लोग भी मौजूद रहे.

AIIMS के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक की आत्मकथा का किया गया विमोचन

'टंडन का नाम स्मरण करेंगे'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि देश के जानें-माने, बहुत ही प्रतिष्ठित न्यूरो सर्जन और वैज्ञानिक प्रोफेसर पी एन टंडन की पूरी जिंदगी न्यूरो सर्जरी के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में जब भी न्यूरोसर्जरी की बात होगी तब लोग पीएन टंडन का नाम हमेशा स्मरण करेंगे.

पीएन टंडन की किताब को लेकर न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस केले ने कहा कि पीएन टंडन की जिंदगी मेरे लिए प्रेरणादायक रही है. हमारे समाज के बच्चे इस किताब को पढ़ें और प्रेरणा लें की एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग को खड़ा करने में प्रोफेसर पीएन टंडन ने कितनी मेहनत की है.

किताब का नाम इतना अलग क्यों?

बता दें कि किताब का नाम काफी अलग है इस पर ईटीवी भारत ने जब प्रोफेसर पी एन टंडन से बात कि तो उनका कहना हैं कि किताब का नाम मनुष्य के परिस्तिथियों को दर्शाता हैं.

AIIMS के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक की आत्मकथा का किया गया विमोचन

जब मनुष्य के जीवन में ऐसी स्थितियां आती हैं कि मनुष्य को लगने लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के सभी रास्ते बंद हो चुके होते हैं, उस समय मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिए, हो सकता है कि कोई बेहतर रास्ता निकालने की जरुरत है.

उन्होंने बताया कि उनके जीवन में कई ऐसे मौके आए जब वह निराशा के चौराहे पर आकर खड़े हो गए, इस निराशा से ही कुछ ऐसे रास्ते उत्पन्न हुए जो उन्हें तरक्की की ओर ले गए.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर पीएन टंडन की जीवनी का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने किया. विमोचन के दौरान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर एके बनर्जी, न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस केले समेत दूसरे लोग भी मौजूद रहे.

AIIMS के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक की आत्मकथा का किया गया विमोचन

'टंडन का नाम स्मरण करेंगे'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि देश के जानें-माने, बहुत ही प्रतिष्ठित न्यूरो सर्जन और वैज्ञानिक प्रोफेसर पी एन टंडन की पूरी जिंदगी न्यूरो सर्जरी के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में जब भी न्यूरोसर्जरी की बात होगी तब लोग पीएन टंडन का नाम हमेशा स्मरण करेंगे.

पीएन टंडन की किताब को लेकर न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस केले ने कहा कि पीएन टंडन की जिंदगी मेरे लिए प्रेरणादायक रही है. हमारे समाज के बच्चे इस किताब को पढ़ें और प्रेरणा लें की एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग को खड़ा करने में प्रोफेसर पीएन टंडन ने कितनी मेहनत की है.

किताब का नाम इतना अलग क्यों?

बता दें कि किताब का नाम काफी अलग है इस पर ईटीवी भारत ने जब प्रोफेसर पी एन टंडन से बात कि तो उनका कहना हैं कि किताब का नाम मनुष्य के परिस्तिथियों को दर्शाता हैं.

AIIMS के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक की आत्मकथा का किया गया विमोचन

जब मनुष्य के जीवन में ऐसी स्थितियां आती हैं कि मनुष्य को लगने लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के सभी रास्ते बंद हो चुके होते हैं, उस समय मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिए, हो सकता है कि कोई बेहतर रास्ता निकालने की जरुरत है.

उन्होंने बताया कि उनके जीवन में कई ऐसे मौके आए जब वह निराशा के चौराहे पर आकर खड़े हो गए, इस निराशा से ही कुछ ऐसे रास्ते उत्पन्न हुए जो उन्हें तरक्की की ओर ले गए.

Intro:अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर पीएन टंडन की जीवनी का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा किया गया.

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Body:बुधवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोसर्जरी विभाग के संस्थापक पी एन टंडन की आत्मकथा 'क्लोज्ड डोर्स, ओपन विंडोज' का विमोचन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा किया गया.


विमोचन के दौरान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, प्रोफेसर एके बनर्जी, न्यूरोसर्जरी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ एसएस केले समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि देश के जाने माने, बहुत ही प्रतिष्ठित न्यूरो सर्जन और वैज्ञानिक, प्रोफेसर पी एन टंडन की पूरी जिंदगी न्यूरो सर्जरी के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है, पीएन टंडन ने जो अपनी आत्मकथा लिखी है उसका विमोचन करने का मौका मिला है. आने वाले समय में उनका जीवन देश के डॉक्टर्स, न्यूरोसर्जन और वैज्ञानिकों को यह किताब बहुत प्रेरणा देगी.

उन्होंने कहा कि देश में जब भी न्यूरोसर्जरी की बात होगी तब लोग पीएन टंडन का नाम हमेशा स्मरण करेंगे.

पीएन टंडन की किताब को लेकर न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसएस केले ने कहा कि पीएन टंडन की जिंदगी मेरे लिए प्रेरणादायक रही है, हमारे समाज के बच्चे इस किताब को पढ़ें और प्रेरणा लें की एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग को खड़ा करने में प्रोफेसर पीएन टंडन ने कितनी मेहनत की है.

किताब का नाम काफी अलग है, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने जब प्रोफेसर पी एन टंडन से पूछा तो उनका कहना था कि किताब का नाम की दर्शाता है कि जब मनुष्य के जीवन में ऐसी स्थितियां आती हैं कि मनुष्य को लगने लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के सभी रास्ते बंद हो चुके होते हैं, उस समय मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिए, हो सकता है कि कोई बेहतर रास्ता निकाला है, उन्होंने बताया कि उनके जीवन में कई ऐसे मौके आए जब वह निराशा के चौराहे पर आकर खड़े हो गए, इस निराशा से ही कुछ ऐसे रास्ते उत्पन्न हुए जो उनके तरक्की की ओर ले गए.


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