नई दिल्ली: डॉ. प्रवीण कुमार ने क्राइम ब्रांच को शिकायत कर बताया कि 4 अक्टूबर को उनके पास देवेंद्र मिश्रा नाम के शख्स का एक कॉल आया. उसने खुद को एम्स और आर्मी के आरआर अस्पताल में विजिटिंग फैकेल्टी और नीति आयोग का सलाहकार बताया.
उसने डॉ. प्रवीण को दिल्ली कैंट स्थित आरआर अस्पताल के ऑफिसर मेस में मिलने के लिए बुलाया. बीते 10 अक्टूबर को उनकी मुलाकात हुई जहां गेस्ट रूम के बाहर डॉ. देवेंद्र (नीति आयोग) की नेम प्लेट लगी हुई थी. देवेंद्र ने उन्हें बताया कि रक्षा मंत्री सहित कई मंत्री एवं ब्यूरोक्रेट से उनका रोजाना मिलना जुलना है. वह उनकी मनचाही प्रमोशन और पोस्टिंग में मदद कर सकता है.
ये भी पढ़ें:-तिलक नगर इलाके में पुलिस कांस्टेबल पर बदमाश ने किया हमला, CCTV कैमरे में कैद हुई घटना
उसने अपने मोबाइल में कई अधिकारियों और मंत्रियों की तस्वीरें दिखाईं. एक मोबाइल नंबर दिखाते हुए उसने कहा कि यह नंबर आरएसएस के भैयाजी जोशी का है जिनके संपर्क में वह रहता है. इससे डॉ. प्रवीण को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को दी.
क्राइम ब्रांच की टीम ने जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली तो पता चला कि आरोपी के पास मौजूद मोबाइल नंबर मध्य प्रदेश के रीवा निवासी देवेंद्र कुमार मिश्रा का है. साइबर सेल को पता चला कि वह पंचकुइयां रोड पर आने वाला है. इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की टीम ने पहाड़गंज से उदासीन आश्रम के पास से उसे पकड़ लिया.
मध्यप्रदेश का है आरोपी
पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मध्य प्रदेश के रीवा का निवासी है. उसने वर्ष 1993 में 12वीं कक्षा पास की थी. 1995 में उसने इंदौर से लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया. 1996 से 2000 तक उसने रीवा में अपनी लैब चलाई. वर्ष 2008 में दिल्ली आकर उसने लक्ष्मी नगर में लैब खोली. वह विभिन्न लैब के लिए यहां ब्लड सैंपल लेता था. इस कारोबार में उसे काफी घाटा हुआ. इसके बाद वह डॉक्टर एवं भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी बनकर लोगों से ठगी करने लगा. उसने अलीगढ़ के डीएम को कॉल कर एक शख्स का हथियार का लाइसेंस बनाने के लिए कहा था. वह एम्स के डॉक्टर बनकर भी लोगों से ठगी करता था.