नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बीते दिनों सीएम आवास पर हुई रेनोवेशन कार्य में खर्च हुए 45 करोड़ रुपए के संबंध में मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी. एलजी को यह रिपोर्ट 15 दिन में देनी होगी. उधर, भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. अब इस मामले में एक बार फिर दिल्ली सरकार बनाम एलजी के बीच तकरार बढ़ने वाली है.
दरअसल, दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने एलजी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वह कौन होते हैं सीएम आवास के नवीनीकरण का रिकॉर्ड मांगने वाले. आतिशी ने अपने पत्र में एलजी को चेताया है. उन्होंने एलजी को अपने आदेश वापस लेने के लिए कहा है. पत्र में लिखा है कि हमें उम्मीद है कि आप चुनी हुई सरकार पर दबाव नहीं डालेंगे. अगर आप दबाव डालते हैं और असंवैधानिक कार्य करते हैं तो हमें एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से रोक नहीं पाएंगे.
दिल्ली सरकार पर दबाव न बनाएं एलजी: आतिशी ने कहा कि एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को 27 अप्रैल को पत्र लिखा है. मीडिया रिपोर्ट से मुझे पता चला है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर पीडब्ल्यूडी के नवीनीकरण से संबंधित रिकॉर्ड मांगा गया है. यह कहने की जरूरत नहीं है कि पत्र में लगाए गए आक्षेप और आरोप आधारहीन और गुणहीन हैं. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एलजी जिस शक्ति का प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं वह उनके अधिकार क्षेत्र से पूरी तरह से बाहर है.
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आतिशी ने कहा कि जब तक उपराज्यपाल अनुच्छेद 239-एए के खंड (4) के प्रावधान के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करता है. लेफ्टिनेंट गवर्नर को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं सौंपी गई है. उसे या तो मंत्रिपरिषद की "सहायता और सलाह" पर कार्य करना होता है या वह राष्ट्रपति द्वारा किए गए संदर्भ पर लिए गए निर्णय को लागू करने के लिए बाध्य होता है.
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