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Purana Qila Excavation: अभी तक एएसआई नहीं ढूंढ पाई महाभारत काल का रहस्य, जानें अब कितना बचा है समय

महाभारत काल के रहस्य को खोजने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने मथुरा रोड स्थित पुराना किला में उत्खनन कार्य शुरू किया था. इस कार्य को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अभी तक पुरातत्व विभाग महाभारत काल का रहस्य नहीं ढूंढ पाई है. एएसआई को उम्मीद है कि वह समय रहते किसी बड़े नतीजे पर पहुंच जाएंगे.

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पुराना किला में उत्खनन कार्य
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Published : Feb 13, 2023, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: मथुरा रोड स्थित पुराना किला में महाभारत काल का रहस्य खोजने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) लगी हुई है. एएसआई को उम्मीद है कि वह समय रहते इस बार किसी बड़े नतीजे तक पहुंचकर ही दम लेंगे. हालांकि अभी तक एएसआई पुराना किला में महाभारत काल का रहस्य नहीं ढूंढ पाई है. पुराना किला में उत्खनन करते हुए एएसआई को करीब एक माह का समय हो गया है, लेकिन अभी सफलता हाथ नहीं लग पाई है. एएसआई ने 16 जनवरी 2023 से पुराना किला के पीछे की छोर में खुदाई शुरू की थी. एएसआई की तरफ से यह उनका पांचवा प्रयास है. इससे पहले भी अलग-अलग फेज में उत्खनन का काम किया गया था. हालांकि महाभारत काल का रहस्य अभी भी रहस्य ही बना हुआ है.

जनवरी में पुराना किला में एएसआई की तरफ से शेरशाह मंडल वाली छोर पर उत्खनन कार्य शुरू किया था. साथ ही पहली बार शेरशाह मंडल के अलावा दूसरी जगह पर भी उत्खनन का कार्य शुरू किया गया है. एएसआई के अनुसार, एक फरवरी से कुंती मंदिर के आसपास की जगह पर महाभारत काल का रहस्य ढूंढने का कार्य चल रहा है. एएसआई की ओर से मई तक यह उत्खनन कार्य चलेगा. इस कार्य में एक माह का समय बीत गया है. हालांकि अभी, एएसआई के पास पर्याप्त समय है.

ये भी पढ़ें : Purana Qila Excavation: पुराने किले में पांडवों की राजधानी खोज रहा पुरातत्व विभाग, क्या है उम्मीदें

पुराना किला में होगा जी-20 का होगा आयोजन

भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इस साल विदेशी मेहमान का आगमन पुराना किला में होने वाला है. माना जा रहा है कि विदेशी मेहमान से पहले एएसआई महाभारत काल का रहस्य ढूंढ लेगी. अगर ऐसा होता है तो विदेशी मेहमान भारतीय संस्कृति और इसके 2500 साल पुराने इतिहास से रूबरू हो पाएंगे.

बीबी लाल के नेतृत्व में पहली बार शुरू हुई खुदाई

एएसआई की तरफ से पुराना किला में पहली बार उत्खनन 1954-55और इसके बाद 1969-73 में किया गया. पद्मा विभूषण बीबी लाल की निगरानी में यह खुदाई चली. इसके बाद साल 2013-14 में एएसआई के अधिकारी वसंत स्वर्णकार की निगरानी में उत्खनन का कार्य शुरू किया गया. इसके बाद इन्हीं की निगरानी में साल 2017-18 में भी खुदाई हुई. साल 2023 में यह तीसरी बार है जब एएसआई अधिकारी वसंत की निगरानी में उत्खनन कार्य किया जा रहा है. इस उत्खनन में चंडीगढ़ सर्कल के कई पुरातत्विद भी लगे हुए हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली: सुल्तानपुरी के पूठ कलां में चली ताबड़तोड़ गोलियां, एक व्यक्ति घायल

शेरशाह मंडल जहां अलग-अलग समय में पांच बार उत्खनन का कार्य चला. उस जगह को एएसआई ने संरक्षित कर लिया है. एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत स्वर्णकार के अनुसार, अब तक हमे मौर्य काल, सल्तनत काल, कुषाण काल से जुड़े अवशेष मिले हैं, लेकिन पुराना किला में 2500 साल पहले तक का इतिहास छुपा हुआ है. बस इस बार हम उस तथ्य को खोजने में अंतिम चरण तक जाएंगे. उन्होंने बताया कि पहले के चार बार हुए उत्खनन में हमें जो अवशेष मिले, उससे एक बात तो तय है कि यहां लोग रहते थे और यहां पर व्यापार भी किया जाता होगा.

नई दिल्ली: मथुरा रोड स्थित पुराना किला में महाभारत काल का रहस्य खोजने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) लगी हुई है. एएसआई को उम्मीद है कि वह समय रहते इस बार किसी बड़े नतीजे तक पहुंचकर ही दम लेंगे. हालांकि अभी तक एएसआई पुराना किला में महाभारत काल का रहस्य नहीं ढूंढ पाई है. पुराना किला में उत्खनन करते हुए एएसआई को करीब एक माह का समय हो गया है, लेकिन अभी सफलता हाथ नहीं लग पाई है. एएसआई ने 16 जनवरी 2023 से पुराना किला के पीछे की छोर में खुदाई शुरू की थी. एएसआई की तरफ से यह उनका पांचवा प्रयास है. इससे पहले भी अलग-अलग फेज में उत्खनन का काम किया गया था. हालांकि महाभारत काल का रहस्य अभी भी रहस्य ही बना हुआ है.

जनवरी में पुराना किला में एएसआई की तरफ से शेरशाह मंडल वाली छोर पर उत्खनन कार्य शुरू किया था. साथ ही पहली बार शेरशाह मंडल के अलावा दूसरी जगह पर भी उत्खनन का कार्य शुरू किया गया है. एएसआई के अनुसार, एक फरवरी से कुंती मंदिर के आसपास की जगह पर महाभारत काल का रहस्य ढूंढने का कार्य चल रहा है. एएसआई की ओर से मई तक यह उत्खनन कार्य चलेगा. इस कार्य में एक माह का समय बीत गया है. हालांकि अभी, एएसआई के पास पर्याप्त समय है.

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पुराना किला में होगा जी-20 का होगा आयोजन

भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इस साल विदेशी मेहमान का आगमन पुराना किला में होने वाला है. माना जा रहा है कि विदेशी मेहमान से पहले एएसआई महाभारत काल का रहस्य ढूंढ लेगी. अगर ऐसा होता है तो विदेशी मेहमान भारतीय संस्कृति और इसके 2500 साल पुराने इतिहास से रूबरू हो पाएंगे.

बीबी लाल के नेतृत्व में पहली बार शुरू हुई खुदाई

एएसआई की तरफ से पुराना किला में पहली बार उत्खनन 1954-55और इसके बाद 1969-73 में किया गया. पद्मा विभूषण बीबी लाल की निगरानी में यह खुदाई चली. इसके बाद साल 2013-14 में एएसआई के अधिकारी वसंत स्वर्णकार की निगरानी में उत्खनन का कार्य शुरू किया गया. इसके बाद इन्हीं की निगरानी में साल 2017-18 में भी खुदाई हुई. साल 2023 में यह तीसरी बार है जब एएसआई अधिकारी वसंत की निगरानी में उत्खनन कार्य किया जा रहा है. इस उत्खनन में चंडीगढ़ सर्कल के कई पुरातत्विद भी लगे हुए हैं.

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शेरशाह मंडल जहां अलग-अलग समय में पांच बार उत्खनन का कार्य चला. उस जगह को एएसआई ने संरक्षित कर लिया है. एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत स्वर्णकार के अनुसार, अब तक हमे मौर्य काल, सल्तनत काल, कुषाण काल से जुड़े अवशेष मिले हैं, लेकिन पुराना किला में 2500 साल पहले तक का इतिहास छुपा हुआ है. बस इस बार हम उस तथ्य को खोजने में अंतिम चरण तक जाएंगे. उन्होंने बताया कि पहले के चार बार हुए उत्खनन में हमें जो अवशेष मिले, उससे एक बात तो तय है कि यहां लोग रहते थे और यहां पर व्यापार भी किया जाता होगा.

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