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'CM साहब! मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव ना करें नहीं तो जंगलराज आ जाएगा'

शिल्पा मित्तल ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन से लोग अब गंभीरता से नियमों का पालन कर रहे हैं. अब लोगों में चालान का डर देखने को मिल रहा है.

सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल से ईटीवी भारत की बातचीत ETV BHARAT
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Published : Sep 12, 2019, 8:03 AM IST

नई दिल्ली : मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद से राजधानी की सड़कों पर काफी सुधार देखने को मिल रहा है. जेब्रा क्रासिंग से लोग पीछे खड़े हो रहे हैं. हेलमेट लगाकर दुपहिया चला रहे हैं और लालबत्ती जम्प नहीं कर रहे.

सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल से ईटीवी भारत की बातचीत

यह कहना है सिविल लाइन्स में तीन साल पहले नाबालिग की मर्सिडीज कार से जान गंवाने वाले सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल का. उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि वह इस नए एक्ट में छेड़छाड़ न करें वर्ना राजधानी की सड़कों पर एक बार फिर जंगलराज दिखने लगेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में शिल्पा मित्तल ने कहा कि वह मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन होने के बाद से दिल्ली की सड़कों पर काफी बदलाव महसूस कर रही हैं. अगर यह संशोधन 3 साल पहले हो गया होता तो शायद आज उनका भाई उनके साथ होता.

उनके भाई को एक 17 साल के लड़के ने अपनी तेज रफ्तार मर्सिडीज से कुचल दिया था. जो उसके मम्मी-पापा ने दी थी. अगर उन्हें चालान का डर होता तो शायद वह अपने नाबालिग बेटे को गाड़ी नहीं देते और इस हादसे में उनके भाई की जान नहीं जाती.

दस्तावेज लेकर चलने में क्यों है परेशानी

शिल्पा मित्तल ने कहा कि जब लोग पैदा होते हैं तो उनका जन्म पत्र बनता है. जो हम हमेशा अपने साथ रखते हैं. अगर कोई पिस्तौल लेता है तो उसके लिए उसे लाइसेंस लेना पड़ता है.

इसी तरह गाड़ी चलाने के लिए भी लाइसेंस होता है. उसे साथ में रखने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसी तरह से गाड़ी का इंश्योरेंस भी बेहद आवश्यक है क्योंकि अगर आप से गलती से हादसा हो जाता है तो उसका मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी चुकाती है और आप पर इसका बोझ नहीं पड़ता.

'दिल्ली अब गाड़ी चलाने लायक बनी'

उन्होंने कहा कि दिल्ली में गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल है. यहां पर आपको चारों तरफ देखकर गाड़ी चलाना पड़ता है क्योंकि कहीं से भी आकर कोई भी आप को टक्कर मार सकता है.

उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में कभी गाड़ी चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है. वह हमेशा कैब या मेट्रो से ही सफर करती हैं. लेकिन जब से मोटर व्हीकल एक्ट संशोधित हुआ है तब से दिल्ली गाड़ी चलाने लायक हो गई है.

'...तो आ जायेगा जंगलराज'

शिल्पा मित्तल ने बताया कि दिल्ली में कानून व्यवस्था मुंबई के मुकाबले खराब है. मुंबई में सख्ती से कानून का पालन करवाया जाता है. वहीं राजधानी में पहले ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 100 रुपये जवानों के मुंह पर फेंक कर चल देते थे.

जब से चालान की राशि बढ़ी है लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे में वह अरविंद केजरीवाल सरकार से मांग करती हैं कि ट्रैफिक चालान में किसी प्रकार का बदलाव ना करें. ऐसा करने से यहां कानून व्यवस्था और ज्यादा खराब होगी.

सड़क पर बचेगी लोगों की जान

शिल्पा मित्तल ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन से लोग अब गंभीरता से नियमों का पालन कर रहे हैं. अब लोगों में चालान का डर देखने को मिल रहा है.

उन्हें पता है कि अगर वह यातायात नियम तोड़ेंगे तो उनके खिलाफ पांच से 25 हजार तक का चालान हो सकता है. यही वजह है कि अब लोग राजधानी में इसका पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और दिल्ली की सड़क सुरक्षित बन रही है.

नई दिल्ली : मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद से राजधानी की सड़कों पर काफी सुधार देखने को मिल रहा है. जेब्रा क्रासिंग से लोग पीछे खड़े हो रहे हैं. हेलमेट लगाकर दुपहिया चला रहे हैं और लालबत्ती जम्प नहीं कर रहे.

सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल से ईटीवी भारत की बातचीत

यह कहना है सिविल लाइन्स में तीन साल पहले नाबालिग की मर्सिडीज कार से जान गंवाने वाले सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल का. उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि वह इस नए एक्ट में छेड़छाड़ न करें वर्ना राजधानी की सड़कों पर एक बार फिर जंगलराज दिखने लगेगा.

ईटीवी भारत से बातचीत में शिल्पा मित्तल ने कहा कि वह मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन होने के बाद से दिल्ली की सड़कों पर काफी बदलाव महसूस कर रही हैं. अगर यह संशोधन 3 साल पहले हो गया होता तो शायद आज उनका भाई उनके साथ होता.

उनके भाई को एक 17 साल के लड़के ने अपनी तेज रफ्तार मर्सिडीज से कुचल दिया था. जो उसके मम्मी-पापा ने दी थी. अगर उन्हें चालान का डर होता तो शायद वह अपने नाबालिग बेटे को गाड़ी नहीं देते और इस हादसे में उनके भाई की जान नहीं जाती.

दस्तावेज लेकर चलने में क्यों है परेशानी

शिल्पा मित्तल ने कहा कि जब लोग पैदा होते हैं तो उनका जन्म पत्र बनता है. जो हम हमेशा अपने साथ रखते हैं. अगर कोई पिस्तौल लेता है तो उसके लिए उसे लाइसेंस लेना पड़ता है.

इसी तरह गाड़ी चलाने के लिए भी लाइसेंस होता है. उसे साथ में रखने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसी तरह से गाड़ी का इंश्योरेंस भी बेहद आवश्यक है क्योंकि अगर आप से गलती से हादसा हो जाता है तो उसका मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी चुकाती है और आप पर इसका बोझ नहीं पड़ता.

'दिल्ली अब गाड़ी चलाने लायक बनी'

उन्होंने कहा कि दिल्ली में गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल है. यहां पर आपको चारों तरफ देखकर गाड़ी चलाना पड़ता है क्योंकि कहीं से भी आकर कोई भी आप को टक्कर मार सकता है.

उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में कभी गाड़ी चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है. वह हमेशा कैब या मेट्रो से ही सफर करती हैं. लेकिन जब से मोटर व्हीकल एक्ट संशोधित हुआ है तब से दिल्ली गाड़ी चलाने लायक हो गई है.

'...तो आ जायेगा जंगलराज'

शिल्पा मित्तल ने बताया कि दिल्ली में कानून व्यवस्था मुंबई के मुकाबले खराब है. मुंबई में सख्ती से कानून का पालन करवाया जाता है. वहीं राजधानी में पहले ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 100 रुपये जवानों के मुंह पर फेंक कर चल देते थे.

जब से चालान की राशि बढ़ी है लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे में वह अरविंद केजरीवाल सरकार से मांग करती हैं कि ट्रैफिक चालान में किसी प्रकार का बदलाव ना करें. ऐसा करने से यहां कानून व्यवस्था और ज्यादा खराब होगी.

सड़क पर बचेगी लोगों की जान

शिल्पा मित्तल ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन से लोग अब गंभीरता से नियमों का पालन कर रहे हैं. अब लोगों में चालान का डर देखने को मिल रहा है.

उन्हें पता है कि अगर वह यातायात नियम तोड़ेंगे तो उनके खिलाफ पांच से 25 हजार तक का चालान हो सकता है. यही वजह है कि अब लोग राजधानी में इसका पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और दिल्ली की सड़क सुरक्षित बन रही है.

Intro:नई दिल्ली
मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन के बाद से राजधानी की सड़कों पर काफी सुधार देखने को मिल रहा है. जेब्रा क्रासिंग से लोग पीछे खड़े हो रहे हैं, हेलमेट लगाकर दुपहिया चला रहे हैं और लालबत्ती जम्प नहीं कर रहे. यह कहना है सिविल लाइन्स में तीन साल पहले नाबालिग की मर्सिडीज कार से जान गंवाने वाले सिद्धार्थ शर्मा की बहन शिल्पा मित्तल का. उन्होंने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि वह इस नए एक्ट में छेड़छाड़ न करें वर्ना राजधानी की सड़कों पर एक बार फिर जंगलराज दिखने लगेगा.


Body:ईटीवी भारत से बातचीत में शिल्पा मित्तल ने कहा कि वह मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन होने के बाद से दिल्ली की सड़कों पर काफी बदलाव महसूस कर रही हैं. अगर यह संशोधन 3 साल पहले हो गया होता तो शायद आज उनका भाई उनके साथ होता. क्योंकि उनके भाई को एक 17 वर्षीय लड़के ने अपनी तेज रफ्तार मर्सिडीज से कुचल दिया जो उसके मम्मी-पापा ने दी थी. अगर उन्हें चालान का डर होता तो शायद वह अपने नाबालिग बेटे को गाड़ी नहीं देते और इस हादसे में उनके भाई की जान नहीं जाती.


दस्तावेज लेकर चलने में क्यों है परेशानी
शिल्पा मित्तल ने कहा कि जब लोग पैदा होते हैं तो उनका जन्म पत्र बनता है जो हम हमेशा अपने साथ रखते हैं. अगर कोई पिस्तौल लेता है तो उसके लिए उसे लाइसेंस लेना पड़ता है. इसी तरह गाड़ी चलाने के लिए भी लाइसेंस होता है. उसे साथ में रखने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसी तरह से गाड़ी का इंश्योरेंस भी बेहद आवश्यक है. क्योंकि अगर आप से गलती से हादसा हो जाता है तो उसका मुआवजा इंश्योरेंस कंपनी चुकाती है और आप पर इसका बोझ नहीं पड़ता.


दिल्ली अब गाड़ी चलाने लायक बनी
उन्होंने कहा कि दिल्ली में गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल है. यहां पर आपको चारों तरफ देखकर गाड़ी चलाना पड़ता है क्योंकि कहीं से भी आकर कोई भी आप को टक्कर मार सकता है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में कभी गाड़ी चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है. वह हमेशा कैब या मेट्रो से ही सफर करती हैं. लेकिन जब से मोटर व्हीकल एक्ट संशोधित हुआ है तब से दिल्ली गाड़ी चलाने लायक हो गई है.


चालान में मिली छूट तो आ जायेगा जंगलराज
शिल्पा मित्तल ने बताया कि दिल्ली में कानून व्यवस्था मुंबई के मुकाबले खराब है. मुम्बई में सख्ती से कानून का पालन करवाया जाता है. वहीं राजधानी में पहले ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 100 रुपये जवानों के मुंह पर फेंक कर चल देते थे. लेकिन जब से चालान की राशि बढ़ी है लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे में वह अरविंद केजरीवाल सरकार से मांग करती हैं कि ट्रैफिक चालान में किसी प्रकार का बदलाव ना करें. ऐसा करने से यहां कानून व्यवस्था और ज्यादा खराब होगी.






Conclusion:सड़क पर बचेगी लोगों की जान
शिल्पा मित्तल ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन से लोग अब गंभीरता से नियमों का पालन कर रहे हैं. अब लोगों में चालान का डर देखने को मिल रहा है. उन्हें पता है कि अगर वह यातायात नियम तोड़ेंगे तो उनके खिलाफ पांच से 25 हजार तक का चालान हो सकता है. यही वजह है कि अब लोग राजधानी में इसका पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और दिल्ली की सड़क सुरक्षित बन रही है.
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