नई दिल्ली : नंगली रजापुर गांव की जमीन अधिग्रहण को लेकर निकाले गए आदेशों पर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री को किसान विरोधी बताने के साथ किसानों पर जुल्म करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये एकड़ की जमीन के मुआवजे के रूप में किसानों को 22,0000 रुपये एकड़ के रूप में दिए जा रहे हैं, जो अन्याय हैं. बीजेपी किसानों के साथ खड़ी है और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी. दिल्ली सरकार के आदेश की प्रतिलिपि को लेकर इसी सप्ताह मुख्यमंत्री के घर के बाहर किसानों के साथ प्रदर्शन कर जलाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने लुटियन जोन से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर बसे नगली राजापुर गांव की जमीन को प्राप्त करने के मद्देनजर एक आदेश कलेक्टर के माध्यम से पारित किया है. इसमें किसानों को महज 22 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने की बात कही गयी है. यह मुआवजा काफी कम है. किसानों के साथ सीधे तौर पर यह अन्याय है. केजरीवाल जब सत्ता में आए थे, तो उन्होंने कहा था कि किसानों की जमीन के ऊपर जबरन कब्जा सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ने पर किसानों की जमीन को लिया जाएगा तो उन्हें जमीन की कीमत से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा. इसको लेकर केजरीवाल सरकार ने 55 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से लैंड एक्विजिशन एक्ट के तहत 3 गुना दाम देने का प्रावधान किया गया था. आज नियमों का पालन किए बगैर किसानों की जमीन पर कब्जा करने को लेकर आदेश निकाले जा रहे हैं.
बिधूड़ी ने कहा कि किसानों की जमीन की कीमत को 55 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये किया जा रहा है, लेकिन आज तक इसके ऊपर अमल नहीं किया गया. नगली राजापुर गांव की जमीन के बदले किसानों को 22 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जो बहुत कम है. नगली राजापुर गांव की जमीन खेती की जमीन है. इस जमीन पर मौसमी चीकू और आम समेत अन्य फलों के पेड़ हैं. यह जमीन काफी फर्टाइल है, जिसका जिक्र सरकारी दस्तावेजों में भी किया गया है. किसान दिल्ली सरकार के इस फैसले से काफी निराश हैं.
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उन्होंने कहा कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश में किसानों को 10 से लेकर 15 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण सरकार द्वारा किए जाने पर मुआवजे के तौर पर दिए जा रहे हैं. लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं हो रहा है. केजरीवाल किसान विरोधी मुख्यमंत्री हैं. किसानों को मुफ्त बिजली का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया. लाल डोरे का दायरा नहीं बढ़ाया गया. किसानों को दिल्ली में ट्यूबवेल लगाने की अनुमति नहीं मिलती है. अगर कोई ट्यूबवेल लगाता है तो उसे बिजली का कनेक्शन नहीं दिया जाता है. ट्रैक्टर तक को कमर्शियल व्हीकल दिल्ली में घोषित कर दिया गया है, जो केजरीवाल सरकार की किसान विरोधी नीतियों को दर्शाता है.
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